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Uttar pradesh

लचर न्यायव्यवस्था-19 साल बाद मिला न्याय

Posted on: Wed, 31, Jul 2019 11:00 PM (IST)
लचर न्यायव्यवस्था-19 साल बाद मिला न्याय

रायबरेली ब्यूरोः (आकाश अग्निहोत्री) रायबरेली में एक मामले में कोर्ट ने 19 साल बाद इंसाफ किया है। कोर्ट ने आत्‍महत्‍या के लिए उकसाने के मामले में कलयुगी बेटे, बहू और पोते को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। हालांकि फैसला आने में काफी समय लग गया। यह दर्शाता है हमारी न्याय प्रणाली कितनी लचर है।

न्याय मिलने में इतनी देर हो जाती है कि या तो पीड़ित ही काल के गाल में समा जाता है या फिर कभी खुद आरोपी, अब भला ऐसे न्याय को किस रूप में देखा जाए। मामला 19 साल पुराना है। कोतवाली सलोन के सभा गोड़वा हसनपुर निवासी महिला अपनी छोटी बहू के साथ अलग रहती थी। बड़ा बेटा अकसर मां के साथ मारपीट करता था। 4 अक्टूबर 2000 को चन्द्रमूल व उसके परिवार ने मां को बहुत मारा पीटा। साथ ही चारा मशीन उखाड़कर फेंक दिया। तंग आकर मां ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।

छोटी बहू ने की थी शिकायत

गौरतलब है छोटी बहू की शिकायत पर पुलिस ने बेटे चन्द्रमूल, बहू शशिप्रभा, पोते आनन्द व पोती अनामिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। अनामिका का विचारण हाइकोर्ट से स्टे हो गया। तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा चला। गवाहों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट कोर्ट में पेश किया गया। अधिवक्ता अवधेश पांडेय ने बताया कि दोषी पाए जाने पर अपर जिला जज ने तीनों को सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया है। तीनों लोगों को पांच-पांच साल की सजा और पांच-पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया है।




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