अल्पसंख्यकों की हितैषी नही है नीतीश सरकार
दरभंगाः (राजेश साहु) ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ की बैठक कारवाँ के अध्यक्ष नजरे आलम की अध्यक्षता में क्षेत्रीय कार्यालय लालबाग, दरभंगा में संपन्न हूई। बैठक में बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड पटना के द्वारा लिए जा रहे फौकानिया और मौलवी परीक्षा-2018 से अनिवार्य विषय अंग्रेजी को हटाए जाने एवं शुक्रवार के दिन भी परीक्षा लेने को लेकर चर्चा हुई। नजरे आलम ने कहा कि जब से मदरसा बोर्ड स्थापित हुआ है ऐसा पहली बार हुआ है कि शुक्रवार को परीक्षा लिया जा रहा है।
जो सरकार मदरसा को आगे बढ़ाने और मार्डन शिक्षा से जोड़ने की बात करती है आज वही सरकार मुस्लिम छात्र, छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है। अनिवार्य विषय अंग्रेजी को हटाकर मदरसा शिक्षा बोर्ड की डिग्री को बर्बाद करने के साथ साथ उच्च शिक्षा से मुस्लिम बच्चों को दूर करने की संघी साजिश पर नीतीश कुमार काम कर रहे हैं। अंग्रेजी के हटाए जाने एवं शुक्रवार को परीक्षा लिए जाने के विरोध में बिहार के कई जिलों मधुबनी, सितामढ़ी इत्यादी में परीक्षा का लगातार बहिष्कार किया जा रहा है।
लेकिन सरकार और प्रशासन चुप्पी साधे छात्रों के भविष्य के साथ गंदा मजाक कर रही है। श्री आलम ने कहा कि अगर सरकार अल्पसंख्यक हितेषी है और सही मायने में अल्पसंख्यकों को शिक्षा, रोजगार और समाज में बराबरी के साथ नहीं देखना चाहती है। अगर समय रहते नीतीश कुमार की नींद नहीं खुली तो आने वाले चुनाव में बड़ा नुकसान होगा साथ ही फौकानिया मौलवी की परीक्षा को रदद् करते हुए अनिवार्य विषय अंग्रेजी को जोड़ कर नये सिरे से परीक्षा की तिथि की घोषणा करें। सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो आने वाले चुनाव में अल्पसंख्यक समुदाय इन्हें वोट नहीं करेगा।