2023 तक गर्भगृह में विराजमान हो जायेंगे रामलला, श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
अयोध्याः सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण शुरू हुए एक साल पूरा हो चुका है। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शिलापूजन के बाद जैसे-जैसे मंदिर निर्माण का काम रफ्तार पकड़ रहा है, वैसे-वैसे अयोध्या भी बदल रही है। मंदिर की नींव भराई का काम करीब 60 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
राम मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि 2023 तक रामलला मंदिर के गर्भगृह में विराजमान हो जाएंगे। हालांकि इसके बाद भी मंदिर के ऊपरी फ्लोर पर काम चलता रहेगा। मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद एक साल के दौरान अयोध्या का विकास भी कई गुना तेज हुआ है। यहां बीते दो सालों में जमीन की कीमतें 8 गुना तक महंगी हुई हैं। अयोध्या में जमीन की खरीद-फरोख्त इतनी तेजी से हो रही है कि यूपी सरकार को आदेश जारी कर यहां जमीन की बिक्री पर रोक लगानी पड़ी क्योंकि सरकार को खुद के कई प्रोजेक्ट के लिए जमीन की जरूरत होगी।