बच्चों ने रखा रोज़ा, दूसरों को दे रहे नसीहत
मऊ (सईदुज्जफर) रमजान माह में अल्लाह की इबादत में बच्चों ने रोज़ा रखा है। अपने पहले रोज़ा को लेकर नौनिहालों में उत्साह है। बड़ों के साथ सहरी व इफ्तार कर रहे हैं। मऊ के मलिकताहिर पुरा निवासी असलम कोठा के साढ़े तीन साल के बेटे जुहीब अब्दुल्लाह ने आज पहला रोजा पूरा कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया, छोटी सी नन्ही उम्र में इन्होंने पंद्रह घंटे से अधिक की भूख प्यास बर्दाश्त कर लोगों को इस रमज़ान के महीने की इबादत का संदेश दिया। इसी तरह मुहल्ला छतरपुरा निवासी मोहम्मद ज़ाहिद के सात वर्षीय बेटे मोहम्मद नोमान व इसी मुहल्ला निवासी फोज़ैल अहमद के सात वर्षीय पुत्र उमर अब्दुल अज़ीज़ ने भी पहला रोज़ा रखा।
चांद पुरा निवासी जमील अख्तर की सात साल की बेटी सारा जमील ने आज अपना दूसरा रोज़ा पूरा किया। इसी तरह प्रेमा राय निवासी मोहम्मद शाहिद माधुरी साड़ी के सात साल के बेटे मोहम्मद अश्काब व मुहल्ला अस्तुपूरा निवासी अल्तमश सभासद के भांजे मेहदी ज़फर के सात वर्षीय पुत्र मोहम्मद युसूफ ने भी पहला रोज़ा रखा और पूरा दिन इबादत में गुज़ारा। रमज़ान दान करने, पुण्य यानी सवाब कमाने और दरियादिली दिखाने के इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों से भी जुड़ा हुआ है। इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है। इसे सब्र यानी संयम को मजबूत करने और बुरी आदतों को छोड़ने का जरिया भी माना जाता है। धर्म पर सच्ची श्रद्धा रखना, नमाज पढ़ना, जकात यानी दान देना कर्तव्य है।