51 वां स्थापना दिवस मना रहा है सीमा सुरक्षा बल
सिलीगुडी: (पवन शुक्ल) आजादी के बाद देष की सीमाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित राज्यों के सशस्त्र बलों के पास थी। 1965 में भारत-पाक युद्ध के उपरान्त देश की सीमाओं की रक्षा के लिए एक समृद्ध बल की आवश्यकता महसूस किए जाने पर दिनांक 01 दिसम्बर 1965 को स्व0 के एफ रूस्तम के नेतृत्व में विभिन्न राज्यों की सशस्त्र सीमा पुलिस बटालियनों को मिलाकर सीमा सुरक्षा बल का गठन किया गया। आज सीमा सुरक्षा बल को स्थापित हुए 51 साल पूरे हो गए हैं। सीमा सुरक्षा बल के जवान पूर्व में बांग्लादेश और पष्चिम में पाकिस्तान सीमा पर मुस्तेदी से सीमा की सुरक्षा का कार्य कर रहे हैं। उक्त बातें कमल नयन चैबे, महानिरीक्षक सीमांत मुख्यालय उत्तर बंगाल ने कही।
उन्होंने कहा कि सीमा सुरक्षा बल ने अपने कार्यकाल में देष की सीमाओं की चैकसी मुस्तेदी से करते हुए सीमा पर होने वाली घुसपैठ, तस्करी और अन्य अपराधों की रोकथाम करने में पूरी तरह से सफलता का परचम लहराया है ओर साथ ही साथ सीमा पर रहने वाले लोगोें के दिलों में सुरक्षा की भावना पैदा करते हुए देश भक्ति की भावाना को जगा रहा है। सीमा सुरक्षा बल द्वारा देश के विभिन्न राज्यों में अस्थिरता फैलाने वाले तत्वों के खिलाफ आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी और प्राकृतिक आपदा के दौरान स्थानीय जिला प्रशासन को हर संम्भव सहायता प्रदान करता है। यु़द्ध काल में सीमा सुरक्षा बल सेना के साथ दुश्मन के खिलाफ कंधे से कंधा मिलकर सेना का सहयोग करता है।
इस उपलक्ष्य में आज सीमांत मुख्यालय में सीमा सुरक्षा बल कदमतला अपने भूतपूर्व सैनिकों के साथ एक गोष्ठी आयोजित किया गया। जिसकी अध्यक्षता डी हाओकिप, उप महानिरीक्षक (प्रघान स्टाफ अधिकारी) ने किया इस बल द्वारा आयोजित विभिन्न कल्याण संबंधित योजनाओं पर चर्चा किया तथा उनकी समस्याओं का निवारण भी किया। इस अवसर पर कमल नयन चैबे, भा.पु.से. महानिरीक्षक सीमांत मुख्यालय उत्तर बंगाल ने सायंकाल में आयोजित सामूहिक रंगारंग कार्यक्रम का शुभारंम्भ किया साथ ही बल के कार्मिकों को हार्दिक बधाई दिया एवं उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रोत्साहित किया।