• Subscribe Us

logo
18 मई 2024
18 मई 2024

विज्ञापन
मीडिया दस्तक में आप का स्वागत है।
Uttar pradesh

बच्चे को उल्टी दस्त आए तो चिकित्सक को दिखाएं, देते रहें ओआरएस का घोल

Posted on: Thu, 02, May 2024 8:39 PM (IST)
बच्चे को उल्टी दस्त आए तो चिकित्सक को दिखाएं, देते रहें ओआरएस का घोल

गोरखपुर, 01 मई। बदलते मौसम में नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति खास तौर पर सतर्क रहने की आवश्यकता है। इसे देखते हुए सभी आशा, एएनएम, आयुष्मान आरोग्य मंदिर और सरकारी अस्पतालों पर ओआरएस के पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। बच्चों को उल्टी दस्त की दिक्कत हो तो तुरंत नजदीकी अस्पताल के चिकित्सक को दिखाएं और सुविधा का लाभ लें।

चिकित्सक द्वारा लिखी गयी दवा के साथ साथ बच्चे को ओआरएस का घोल भी देते रहें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर सरकारी अस्पताल आने के लिए दो साल तक के बच्चों को 102 नंबर एम्बुलेंस और इससे अधिक उम्र के बच्चों के लिए 108 नंबर एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओआरएस घोल और जिंक टेबलेट दस्त से बच्चों के जीवन की रक्षा करते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभिभावकों को भी यह ध्यान रखना है कि बच्चे को दस्त आते ही और हर दस्त के बाद ओआरएस का घोल अवश्य देना है।

इसके साथ ही जिंक की गोली एक चम्मच पीने के पानी अथवा मां के दूध में घोल कर लगातार 14 दिनों तक देना है। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी मां का दूध और पूरक आहार देना जारी रखना है। ओआरएस के एक पैकेट को एक लीटर पीने के पानी में घोल बनाकर रखना है जो समय-समय पर बच्चे की आयु के हिसाब से निर्धारित मात्रा में देना है। डॉ दूबे ने बताया कि दो माह से कम आयु के बच्चे को हर दस्त के बाद पांच चम्मच ओआरएस का घोल देना है। दो माह से चार वर्ष तक के बच्चे को एक चौथाई कप या आधा कप ओआरएस का घोल प्रत्येक दस्त के बाद दें। दो वर्ष से पांच वर्ष तक के बच्चों को आधा कप या एक कप ओआरएस का घोल प्रत्येक दस्त के बाद दें। यह घोल दस्त शुरू होने के बाद तब तक देना है जब तक कि बच्चे का दस्त बंद न हो जाए। दस्त के दौरान बच्चे के मल का सुरक्षित निपटान करना है और समय-समय पर अभिभावक अपने हाथों को साबुन पानी से धुलते रहेंगे।

जिंक का है विशेष लाभ

सीएमओ ने बताया कि जिंक टैबलेट देने से दस्त की अवधि और तीव्रता कम होती है। यह तीन महीने तक दस्त से सुरक्षित रखता है और लंबे समय तक शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बना कर रखता है। उचित परामर्श के अनुसार जिंक की गोली मां के दूध या पानी के साथ बच्चे को देनी होती है। बच्चे को छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराना है और इसके बाद दो वर्ष की आयु तक स्तनपान के साथ साथ पूरक आहार भी देते रहना है।

एम्बुलेंस में भी इंतजाम

एम्बुलेंस सेवा के प्रोग्राम मैनेजर अनुराग ने बताया कि जिले में 108 नंबर की 46 और 102 नंबर की 50 एम्बुलेंस वर्तमान में क्रियाशील हैं। प्रचंड गर्मी और हीट वेब को देखते हुए इन सभी एम्बुलेंस में ओआरएस के इंतजाम किये गये हैं। बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर एम्बुलेंस को कॉल करें। यह नजदीकी सरकारी अस्पताल पर पहुंचाएगी।




ब्रेकिंग न्यूज
UTTAR PRADESH - Basti: चाय की दुकान में आग लगने से लाखों का नुकसान वकील ऋषभ श्रीवास्तव के चैम्बर में अज्ञात व्यक्ति ने लगाई आग DELHI - New Delhi: दिल्ली में कन्हैया कुमार के साथ हुई मारपीट