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26 अप्रैल 2024
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Uttar pradesh

मालवीय रोड, की बदहाली भी देख लीजिये साहब !

Posted on: Tue, 04, Aug 2020 3:03 PM (IST)
मालवीय रोड, की बदहाली भी देख लीजिये साहब !

बस्तीः दो साल पहले बनी मालवीय रोड में अनेकों खतरनाक गड्ढे हो गये हैं। रोजाना यात्री चोटिल हो रहे हैं। बैक ऑफ बड़ौदा, डा. अनीस, एलआईसी, सत्येन्द्र गेस्ट हाउस, बैरिहवां, बादशाह टाकीज, रंजीत चौराहा, भव्या नर्सिंग होम और नेहरू तिराहे के निकट जानलेवा गड्ढे हैं, जरा सी चूक यात्रियों को मुसीबत में डाल सकती है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि महज दो साल में सड़क जवाब दे गयी। इससे निर्माण की गुणवत्ता का पता चलता है। ज़ीरो टॉलरेंस अगेन्स्ट करप्शन की पॉलिसी पर काम कर रहे प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को ये समस्या नही दिखाई दे रही है। हालत ये है कि सामान्य गति से भी चल रहे बाइक सवारों को अचानक गड्ढा न दिखा तो लेने के देने पड़ जायेंगे। बादशाह थियेटर के सामने गड्ढों में हिचकोले खा रही एक टैम्पू पलट गयी। नवजात समेत महिला बाल बाल बंची।

गड्ढ़ों की फोटो ले रहे मीडिया दस्तक संवाददाता के सामने ही एक बाइक सवार बिखरी गिट्टियों पर फिसल गया, हालांकि वह बाल बाल बंच गया उसे चोट नही लगी। संवाददाता से बात करते हुये उसने बताया कि गड्ढ़ों से ज्यादा खतरनाक सड़क पर बिखरी गिट्टियां हैं जिन पर 40 की स्पीड में भी बाइक फिसल जाती है। संयोग है कि मै बच गया वरना फिसलने के बाद चोटिल होना तय है। समस्या को लेकर लोगों में गुस्सा भी है जो कभी भी सड़क पर उतर सकता है। आपको बता दें नगरपालिका चुनाव के दौरान मालवीय रोड की मरम्मत हुई थी।

अभी दो साल हुये, सड़क में गड्ढे हो रहे हैं तो इसकी जिम्मेदारी ठेकेदार की है। पांच साल तक उनको सड़क का अनुरक्षण (मेन्टीनेन्स) करना है। लेकिन ठेकेदार बेफिक्र हैं और उन पर प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का कोई दबवा भी नही है। 04 मार्च 2020 को मीडिया दस्तक ने मालवीय रोड की बदहाली को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। उस वक्त नगरपालिका की ओर से गिने चुने गड्ढों में ईंट के टुकड़े डलवाकर अपनी जिम्मेदरियों की इतिश्री कर लिया था। समस्या से निजात दिलाने के लिये नगरपालिका की कार्ययोजना के बारे में जानकारी करने के लिये ईओ को फोन किया लेकिन उन्होने फोन उठाना उचित नही समझा।

कांग्रेस नेता की सुनिये

वरिष्ठ कांग्रेसी एवं पीसीसी सदस्य प्रेमशंकर द्विवेदी ने कहा योगी सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का वादा हवा हवाई साबित हुआ। जनपद में अनेक सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं, जनता सब बर्दाश्त कर रही है। मालवीय रोड दो साल में क्षतिग्रस्त होकर गडढ़ों में तब्दील हो रही है तो स्थानीय प्रशासन, नगरपालिका व सम्बन्धित ठेकेदार इसके जिम्मेदार है। सड़क बन रही थी तो जिसने भी इसकी गुणवत्ता परखी थी उनके खिलाफ भी कार्यवाही होनी चाहिये। जनता की गाढ़ी कमाई का ज्यादा हिस्सा जो विकास और निर्माण कार्यों पर खर्च होता है उसका अधिकांश हिस्सा बंदरबांट हो जाता है।

व्यापारी नेता की सुनिये

व्यापारी नेता और ज्वलन्त मुद्दों पर संघर्ष करने वाले आनंद राजपाल ने कहा सड़क और डिवाडर बनते समय गुणवत्ता की घोर अनदेखी हुई थी। जनता ने आवाज उठाया था, सोशल मीडिया पर बहुत किरकिरी हुई लेकिन गुणवत्ता में कोई सुधार नही हुआ। नतीजा सामने है। उन्होने कहा प्रशासन को इसे स्वतः सज्ञान लेना चाहिये। समस्या की ओर ध्यान देकर सड़क को समतल नही कराया गया तो जन सहयोग से शीघ्र ही इसे उचित पटल पर उठाया जायेगा। उन्होने यह भी कहा कि मौजूदा अफसर और सरकार प्रार्थना पत्रों की भाषा नही समझती, और आन्दोलनों को कुचलने की रणनीति अपनाती है। सरकार चाहती है कि जनता में विरोध करने की ताकत ही न रह जाये।




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