मुख्तार के जनाजे में उमड़ा जनमानस, माफिया कहने से गुस्सा, डीएम से झड़प
यूपी डेस्कः पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को माफिया कहे जाने पर एक बड़ा तबका नाराज है। गाजीपुर, मऊ और आसपास के लोग, अथवा जो मुख्तार को करीब से जानते थे वे मुख्तार को माफिश मानने को बिलकुल तैयार नही है। लोगों का कहना है वह जनता के लिये किसी मसीहा से कम नही था। शनिवार को गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया।
30 हजार लोग मुख्तार के जनाजे में पहुंचे। इस दौरान डीएम आर्यका अखौरी ने मुख्तार के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी से परिवार के लोगों को ही कब्रिस्तान में ले जाने को कहा। इस बात को लेकर अफजाल और डीएम के बीच तीखी बहस हो गई। अफजाल ने कहा कि मिट्टी देने के लिए दुनिया में कोई परमिशन नहीं लेता है। जवाब में डीएम ने कहा कि धारा 144 तोड़ने वालों पर एफआईआर कराऊंगी। दोनों के बीच करीब 10 मिनट बहस चली। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। मुख्तार उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद था। 28 मार्च की रात उसे बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज लाया गया था। 9 डॉक्टर्स ने उसका इलाज किया, पर मुख्तार को बचाया नहीं जा सका।
मुख्तार के बड़े भाई ने कहा वह कई बार कह चुका था कि जेल में उसे मारने की साजिश की जा रही है। उसे जहर दिया जा रहा है। ढाई घंटे चले पोस्टमॉर्टम के बाद मुख्तार की मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई गई। मुख्तार का शव बांदा से शुक्रवार की रात 1 बजकर 15 मिनट पर गाजीपुर स्थित पुश्तैनी घर लाया गया। शनिवार सुबह मुख्तार के पैतृक घर जिसे बड़ा फाटक कहते हैं, वहां मुख्तार का शव अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। बेटे उमर ने जनाजे पर इत्र छिड़का। मुख्तार की मूंछों पर आखिरी बार ताव दिया। जनाजा निकलने के बाद प्रिंस टाकीज मैदान पर नमाज-ए-जनाजा की रस्म अदा की गई। इसके बाद मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह 10ः45 बजे गाजीपुर के कालीबाग कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया।