इस दबंग आईपीएस को टारगेट कर रही राजस्थान सरकार
गोलूवाला (बलविन्द्र खरोलिया) भ्रष्टाचार के युग में इमानदार अफसरों की कद्र नही है। यदि कोई अफसर इमानदारी और निष्ठा के साथ अपना काम करता है तो राज्य सरकार अथवा उसके प्रतिनिधि रास्ते में रोड़े अटकाते हैं। इमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और दिलेरी के बदले उसके हिस्से में बार बार तबादले, बैड इण्ट्री, सस्पेंशन और ना जाने क्या क्या आते हैं। राजस्थान के जयपुर अपराध शाखा में तैनात दबंग आईपीएस पंकज चौधरी के साथ भी ऐसा ही कुछ हो रहा है। इमानदारी के इनाम के रूप में अब तक उन्हे कई तबादले और सस्पेंशन मिल चुके हैं। ताजे मामले में भी वे सत्ता के गलियारों तक पहुंच रखने वाले किसी खास व्यक्ति की शिकायत से होने वाले नुकसान से खुद को बचाने के लिये राजधानी दिल्ली के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
आईपीएस पंकज चौधरी राज्य के भ्रष्ट अफसरों के निशाने पर हैं। सरकार है कि वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं। शिकायत करने वाले की नीयत और और वास्तविकता को दरकिनार बिना किसी परीक्षण के उन्हे बेवजह परेशान किया जा रहा है। ये तो उनकी सहनशीलता और धैर्य ही है जो अब उन्हे बेइमान अफसरों से अलग कर रखा है वरना इतना परेशान किये जाने के बाद तो इमानदार भी बेइमानी के रास्ते पर चल पडे़ंगा। जनता की की आवाज़ को सुनने वाले पुलिस अधिकारी पंकज चौधरी को पिछले तीन वर्षों से टारगेट किया जा रहा है। गलत मँशा एंव इस दंबग अधिकारी को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से दो वर्ष के अंतराल में उन्हे चार चार चार्ज शीट दे दी गयी। जिनका सिर्फ़ व सिर्फ़ मक़सद अधिकारी का समय ख़राब कर मुद्दों से ध्यान हटाना है ताकि कुछ भ्रष्ट अफसरों को षडयंत्र कर बचाया जा सके।
सूत्रों से जानकारी मिली है कि चौधरी ने यह निश्चय कर लिया है कि जिन भ्रष्ट अफसरों ने उनको नुक़सान पहुँचाने का कुत्सित प्रयास किया है उनको बख्शा नहीं जायेगा। इनके भ्रष्टाचार को राज्य के हर व्यक्ति के सम्मुख रखा जायेगा। राज्य की जनता इन भ्रष्ट और कुकर्मियों को सजा देगी। चौधरी वर्तमान में दिल्ली स्थित देश के शीर्ष केन्द्रीय मंत्रियों व कई संस्थाओं के हेड से मिलकर उन्हे राज्य सरकार के मार्फ़त कुछ भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा दी जा रही प्रताड़ना एंव टारगेट करने के षड्यंत्र से अवगत करा रहे है। उम्मीद है देश का शीर्ष नेतृत्व इस दंबग अधिकारी के साथ न्याय करेगा अन्यथा चौधरी को माननीय नयायलय की तरफ़ रुख़ कर लेना चाहिए ताकि भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों के षड्यंत्र का जनहित में जल्द ख़ुलासा हो।