जिससे बेपनाह मुहब्बत, उसी ने पैदा कर दी मुश्किल
श्रीगंगानगर ब्यूरो (विनोद सोखल) भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अपर पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र ढिढारिया इन दिनों ‘परेशानी में हैं। यह परेशानी किसी और ने नहीं बल्कि उसी ने पैदा की है जिससे वे बेपनाह मुहब्बत करते हैं। आप कुछ ऐसा-वैसा मत समझें। ढिढारिया को यह परेशानी अपनी पालतू बिल्ली के कारण पैदा हुई है।
जानवरों से बेहद लगाव रखने वाले एएसपी ढिढारिया ने घर में एक बिल्ली पाली हुई है। इस बिल्ली से वे बहुत प्रेम करते हैं। तीन दिन पहले इसी बिल्ली ने खेल-खेल में ढिढारिया के हाथ पर नाखून गड़ा दिए, जिससे खून निकल आया। ढिढारिया ने जिला अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने रैबीज की आशंका जताते हुए उन्हें एहतियात के तौर पर इंजेक्शन लगवाने की सलाह दी। एक इंजेक्शन हाथो-हाथ लगा दिया गया। वे अब तक दो इंजेक्शन लगवा चुके हैं। तीन इंजेक्शन अभी और लगेंगे।
डॉक्टरों के अनुसार रैबीज नामक रोग प्राचीन रोगों में से एक है। एक बार इस रोग के लक्षण उत्पन्न हो जाएं तो जान को खतरा पैदा हो जाता है। रैबीज एक विषाणुओं द्वारा होने वाला संक्रमक रोग है। इसका यह विषाणु ज्यादातर जानवरों जैसे कुत्ते, बिल्ली, चूहे, चमगादड़ आदि में पाया जाता है। डॉक्टरों के अनुसार रैबीज होने पर कई लक्षण पैदा होते हैं। इनमें व्यवहार में बदलाव, आक्रामक होना, काटने लगना, अधिक लार टपकना, पैर और जीभ पर लकवा होना, शरीर में एंठन इसके मुख्य और सिर दर्द, बुखार, मितली आना, भूख न लगना, असहाय पीड़ा और प्रभावित क्षेत्र में जलन आदि प्रारंभिक लक्षण हैं। इसी के साथ व्यक्ति में तनाव, भय और उत्तेजना की वृद्धि होती है।
लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि इसके चलते मौत भी हो सकती है। इनका कहना हैः बिल्ली, कुत्ते के काटने या नाखून मार देने की स्थिति तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। लापरवाही घातक साबित होती है। रेबीज की आशंका के कारण बचाव के लिए पांच इंजेक्शन लगाए जाते हैं। -डॉ. प्रवीण मक्कड़, फिजिशियन, श्रीगंगानगर।