रेल हादसे में मरने वालों की संख्या 130, पटरी में दरार हादसे का कारण
कानपुर: पुखरायां रेलवे स्टेशन कानपुर देहात के पास रविवार तड़के 3.10 बजे पटना जा रही इंदौर-राजेंद्र नगर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस सबसे भीषण ट्रेन हादसे में अब तक 130 यात्रियों की मौत हो गई जबकि 200 से अधिक यात्री घायल हो गए। सूत्रों के मुताबिक ये आकंड़ा और बढ़ सकता है। एनडीआरएफ की टीम के मुताबिक कई यात्री अभी भी ट्रेन की बोगियों में फंसे हुए हैं और जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। इसके साथ ही ट्रेन की मरम्मत का कार्य भी जारी है। बताया जाता है कि रेल पटरियों में दरार आने के कारण यह हादसा हुआ।
हादसे की वजह से ट्रेन के एस-1 और एस-2 डिब्बे एक-दूसरे में घुस गए जिस कारण इन्हीं डिब्बों के सबसे ज्यादा मुसाफिरों की मौत हुई। इसके अलावा एस-3 और एस-4 डिब्बों को भी गंभीर नुकसान पहुंचा जबकि एसी थ्री टीयर के यात्रियों को भी गभीर चोटें आईं। डिब्बों के बीच फंसे यात्रियों को निकालने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया गया। सेना, एनडीआरएफ और राज्य पुलिस की मदद से बचाव एवं राहत कार्य में लगे रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि मरने वालों की तादाद हर घंटे बढ़ती जा रही है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद के मुताबिक, अब तक 129 लोगों के शवों का पता चल पाया है।
गंभीर घायलों को कानपुर के हैलट और उर्सला समेत कई सरकारी अस्पतालों में भेजा गया। अन्य घायलों को अकबरपुर जिला अस्पताल और आसपास की सीएचसी, पीएचसी एवं निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। रविवार शाम तक इनमें फंसे यात्रियों को निकाले जाने का कार्य चलता रहा। अभी भी बहुत से यात्रियों के बोगियों में फंसे होने की आशंका है। जिस वक्त ट्रेन पलटी, उसकी रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा थी। प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह पटरी चटकने को माना जा रहा है। एनडीआरएफ, एयरफोर्स, सेना, पुलिस, पीएसी और मेडिकल टीमें राहत, बचाव कार्य में लगी हैं।