सांस्कृतिक विरासत को बखूबी संभाल रही महिलायें
सिलीगुड़ी, वेस्ट बंगालः (पवन शुक्ल) एक तरफ ठंड का कहर, तो दूसरी तरफ सिलीगुड़ी के महिला काव्य मंच द्वारा आयोजित चौथी काव्यगोष्ठी में कवित्रियों के काव्यपाठ में उपस्थित श्रोताओं की जबरदस्त मौजूदगी मिसाल बनी। कार्यक्रम का शुभारंभ वंदना गुप्ता की अध्यक्षता में हिंदी बालिका विद्यालय के प्राचार्य ने दीप जलाकर किया गया। बबिता कँवल द्वारा माँ शारदे कि स्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत की गई।
शहर की उभरती कवयित्रियों के साथ ही स्कूली बच्चियों ने अपने काव्यपाठ से सभी का मन मोह लिया। बंगाल में इस तरह के आयोजन में हिंदी कवियत्रियों की बढती संख्या से पता चल रहा है कि शहर में साहित्य में रुचि रखने वालों में महिलायें पुरूषों से कहीं कम नही है। सांस्कृतिक विरासत को बचाने की अनूठी मुहिम की चारों ओर सराहना हो रही है। मालूम हो कि शुरूआत 11 सदस्यों से हुई थी, आज 20 के करीब पहुंच गए हैं, आशा है भविष्य में संख्या और बढ़ जाएगी।
राष्ट्रीय महिला काव्य मंच की स्थापना नरेश नाज़ ने 22 जनवरी 2017 को की गई थी, आज भारत में अठ्ठाइस और विदेशों में आठ जगह अपना परचम लहरा रही है। अर्चना शर्मा, वंदना गुप्ता, बबिता कँवल, रीता दास, स्नेहा कुमारी, अमरावती गुप्ता, रूबी प्रसाद, निशा गुप्ता, प्रियंका जायसवाल, वीणा चौधरी, सोनी केड़िया, किरण अग्रवाल, ज्योति भट्ट, आशा बंसल, सपना झा, इन्दु ठाकुर, अंजलि कुमारी शर्मा ने विभिन्न विषयों पर काव्यपाठ करके आज के कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान की। कार्यक्रम का सफल संचालन युवा कवित्री रीता दास ने किया।