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पर्यटन स्थलों को हुए नुकसान से सरदार सरोवर नर्मदा निगम को करोड़ो का नुकसान

Posted on: Fri, 06, Oct 2023 3:15 PM (IST)
पर्यटन स्थलों को हुए नुकसान से सरदार सरोवर नर्मदा निगम को करोड़ो का नुकसान

नर्मदा, गुजरात (बीके पाण्डेय)। नर्मदा बांध में से 122 मीटर की उंचाई से गिरे पानी की वजह से बांध के निचले इलाके की जमीन जहाँ क्षतिग्रस्त हुई है वहीं बांध के आसपास के इलाके के पानी में आ जाने व कटान की वजह से सरदार सरोवर नर्मदा निगम को भी करोड़ो रुपए के नुकसान का सामना करना पड़ा।

नर्मदा बांध से सोलह सितंबर की रात को छोड़े गये अठारह लाख क्यूसेक पानी ने सुदुरवर्ती इलाके में जहा भारी नुकसान किया वही बांध के आसपास के इलाके में भी काफी क्षति पहुँचाई। स्टेच्यू के आसपास के इलाके में स्थित पर्यटन स्थानों को बाढ़ के तेज पानी की वजह से काफी ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा। नर्मदा बांध पर जलस्तर के 121.92 मीटर के जलस्तर पर आने के बाद तीस फुट उंचाई के कुल तीस दरवाजों को लगाया गया है।

बांध से विपुल मात्रा में पानी छोडऩे के लिए दरवाजों को पांच मीटर की उंचाई तक खोला गया था। बांध में से प्रति सेकेन्ड करोड़ो लीटर पानी नदी में आ रहा था। गुजरात की जीवन रेखा माने जाने वाले सरदार सरोवर नर्मदा बांध भरुच सहित तीन जिलों के लोगो के लिए आफत के समान बन गया था। मध्यप्रदेश के बांधों से छोड़े गए पानी तथा कैचमेंट इलाके में भारी बरसात से सरदार सरोवर में बाईस लाख क्यूसेक पानी की आवक होने से नर्मदा बांध से अठारह लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसने भारी तबाही मचा दी थी।

बांध के तेईस दरवाजों में से नर्मदा नदी में छोड़े गये पानी ने केवडिया से लेकर भाड़भूत तक के डाउनस्ट्रीम इलाके में काफी नुकसान किया था। बाढ़ का पानी उतर जाने के दो सप्ताह बाद भी नदी किनारे के इलाके में लोगो का जनजीवन पटरी पर आ नही सका है। बाढ़ के पानी से हुए विनाश का दृश्य सामने आ रहा है वहीं बाढ़ के पानी ने नर्मदा बांध के इलाके में भारी नुकसान किया। बांध में से 122 मीटर से ज्यादा उंचाई से गिरे पानी की वजह से बांध के पास कंक्रीट का प्लास्टर भी उखड़ गया। इसके अलावा व्यू पोईन्ट एक पर पर्यटकों के लिए बैठने का स्थान, बेंच, फैंसिंग दीवाल सहित अन्य स्थान गिर गये व जमीन की भी कटान हो गई।

कैक्टस गार्डेन,बटरफ्लाई गार्डेन एरिया में भी जमीन का काफी ज्यादा कटान हुआ जिस कारण नर्मदा निगम को करोड़ो रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। नर्मदा निगम के अधिकारी वर्तमान समय में सर्वे का काम कर रहे हैं मगर कितना नुकसान हुआ है इसे अभी बताने से साफ तौर पर मना किया जा रहा है। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद नुकसान का आंकड़ा ज्ञात होगा। प्रोटेक्शन वाल की जरुरतः-नर्मदा बांध के एक किनारे की ओर प्रोटेक्शन वाल के बनी होने से बटरफ्लाय गार्डेन सहित महत्व के प्रोजेक्ट को बाढ़ से तो बचाया जा सका वहीं दूसरी ओर अंकलेश्वर की ओर के किनारे पर प्रोटेक्शन वाँल नही होने से बाढ़ के पानी ने दस किमी दूर शहर तक पहुँच गया था व नदी किनारे की हजारों हेक्टेयर जमीन पानी में कट चुकी है।




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