पुलिसिया चौकसी और ब्यूह रचना को चकमा देकर बिहार भागने में कामयाब रहे पशु तस्कर
मीडिया दस्तक न्यूज, देवरिया 12 जून (ओपी श्रीवास्तव)। प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के देवरिया जिले में आगमन के पहले दबंग एवं अपराधिक किस्म के पशु तस्कर शनिवार (10 जून) की रात में पुलिस प्रशासन को खुली चुनौती देते हुए ट्रक में लदे हुए गोवंशों के साथ पुलिस की गाड़ियों को क्षतिग्रस्त करते हुए बिहार सीमा में प्रवेश कर गए।
जबकि देवरिया जिले की जांबाज पुलिस की ट्रक रोकने तथा पशु तस्करों को गिरफ्तार करने की सारी कवायद धरी की धरी रह गई। फिलहाल पुलिस वालों की जुबान पर है जान बच गई और लाखों पाए। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने सोमवार को बताया कि सही बात है कि जिले की पुलिस ने पशु तस्करों को ट्रक सहित पकड़ने का पूरा प्रयास किया। लेकिन पशु तस्कर फरार होने में सफल हो गए। जबकि बरहज एवं मईल थाने के एसएचओ ने मामले को छिपाने का प्रयास करते हुए कहा कि इस तरह की कहीं कोई घटना नहीं हुई है और कहा कि किस बेवकूफ ने झूठा प्रचार किया है।
मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर जनपद के दोहरीघाट से होते हुए एक ट्रक ने देवरिया जनपद के बिहार सीमा में शनिवार की रात में प्रवेश किया। मुखबिर की सूचना पर बरहज थाने की पुलिस ने बैरिकेडिंग कर ट्रकों की चेकिंग शुरू कर दी। सूत्रों के अनुसार ट्रक में गोवंश लादकर बिहार जा रहे पशु तस्कर पुलिस चेकिंग देखकर ट्रक सहित भागने लगे। बताया जाता है कि तेज़ तर्रार सीओ बरहज और एसओ मईल ने ट्रक का पीछा किया तो दुस्साहसी तस्करों ने उनकी चार पहिया गाड़ियों को भी रौंदने का प्रयास किया।
सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने बैरिकेडिंग कराकर घेराबंदी करनी चाही, लेकिन बेखौफ तस्कर तीन सर्किल के थानों को चकमा देकर बिहार सीमा में प्रवेश कर गए। बताया जाता है कि तस्करों के ट्रक की ठोकर से मईल पुलिस के वाहन एवं बरहज के निजी चार पहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गई। गनीमत थी कि अधिकारी बाल-बाल बच गए। जबकि पुलिस की घेराबंदी के बावजूद पशुओं से लदा ट्रक लेकर तस्कर खुखुंदू, सलेमपुर, मझौलीराज पहुंच गए और पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए बिहार में प्रवेश कर गए। इस संबंध में सीओ बरहज अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया कि पशु लदे ट्रक का पीछा किया गया।
लेकिन वह पकड़े नहीं जा सके। तस्करों ने उनकी निजी और मईल थाने की सरकारी गाड़ी में ठोकर मार दिया, जिससे वाहनों का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। यह पूछे जाने पर कि जब आपके पास सरकारी गाड़ी थी तो आपने अपनी निजी गाड़ी का इस्तेमाल पशु तस्करों का पीछा करने में क्यों किया ? उन्होंने कहा कि सरकारी गाड़ी का इंतजार करने में काफी समय लगता। इस वजह से उन्होंने सूचना मिलते ही तत्काल कर्तव्य पालन की मंशा से अपने निजी गाड़ी का इस्तेमाल किया। फिलहाल प्रकरण की चर्चा जिले में और पुलिस विभाग में जमकर हो रही है। आम जनता का कहना है कि देवरिया जिले की पुलिस का इकबाल लगभग खत्म हो गया है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।