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मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को करें सुदृढ़, बेहतर कार्य करने वालों को दें सम्मान

Posted on: Sun, 15, Oct 2023 10:41 AM (IST)
मातृ शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को करें सुदृढ़, बेहतर कार्य करने वालों को दें सम्मान

गोरखपुर, 14 अक्टूबर। सरकार द्वारा मातृ शिशु मृत्यु दर को करने के लिए स्वास्थ्य विभाग और अन्य सहयोगी विभागों की मदद से विविध कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनसे जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने पर जोर होना चाहिए। साथ ही अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित करने की जरूरत है। मंडल स्तर पर ऐसे लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा। यह जानकारी अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ आईबी विश्वकर्मा ने दी।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रमों को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रति माह मंडल के चारों जिलों की समीक्षा की जा रही है। एडी हेल्थ ने बताया कि उनके सभागार में शुक्रवार को हुई समीक्षा बैठक में सभी को निर्देशित किया गया समुदाय तक संदेश पहुंचाएं कि गर्भावस्था का पता चलते ही आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क करना है। आशा कार्यकर्ता के साथ नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर प्रसव पूर्व जांच करवानी है। गर्भावस्था के दौरान चार बार प्रसव पूर्व जांच अनिवार्य है और ऐसा करना मां और बच्चे दोनों की सेहत के लिए जरूरी है। गर्भवती को प्रथम तिमाही में फोलिक एसिड की गोलियों और दूसरी व तीसरी तिमाही में आयरन फोलिक एसिड व कैल्शियम की गोलियों की सेवन करवाना है।

एक बार एल्बेंडाजॉल की गोली भी गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में खानी है। गर्भवती को पौष्टिक खानपान के लिए प्रेरित करें और मातृ पोषण के लिए मिलने वाली आर्थिक सहायता के बारे में भी बताएं। गर्भधारण के दौरान और प्रसव के पश्चात परिवार नियोजन सेवाओं की महत्ता बताएं और उपलब्ध सभी साधनों की भी जानकारी दें। डॉ विश्वकर्मा ने बताया कि समुदाय में विश्वास जगा कर गर्भवती को सरकारी अस्पतालों पर ही प्रसव करवाना है। धात्री महिला और उसके नवजात का नियमित अंतराल पर फॉलो अप करें। अगर कोई नवजात बीमार हो या काफी कमजोर मिले तो उसे 102 नंबर एम्बुलेंस से जिले में स्थापित सिक बोर्न केयर यूनिट भेजें।

छह माह से 59 माह तक के प्रत्येक बच्चे को आयरन फोलिक एसिड की सिरप अवश्य उपलब्ध कराएं। कुपोषित बच्चों के परिवार को परामर्श दें और जटिलताओं वाले कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराएं। एनएचएम के डिवीजनल कार्यक्रम प्रबन्धक अरविंद पांडेय ने आयुष्मान मेलों में सेवा सुदृढ़ीकरण और संचार सुदृढ़ीकरण के प्रयासों पर जोर दिया। उन्होंने वित्तीय प्रगति की स्थिति के बारे में भी जिलों को जानकारी दी। इस मौके पर जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ राजेंद्र ठाकुर, जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, संयुक्त निदेशक डॉ अरूण गर्ग, डॉ बीएम राव, अधीक्षक डॉ अम्बुज और सभी जिलों के जिला स्तरीय अधिकारी, डीपीएम, डीसीपीएम और डैम, पार्टनर संस्थाओं के प्रतिनिधिगण व एनएचएम के मंडल स्तरीय कंसल्टेंट प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।




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