देवरिया पुलिस की मनमानी रोकियं योगी जी
देवरिया, ब्यूरो, (ओपी श्रीवास्तव)। योगी जी देख लीजिए, आपकी देवरिया पुलिस रोजाना कारनामे कर रही है जिससे आपके सरकार की छबि लगातार बिगड़ रही है। यह कहना है देवरिया की जनता का। यहां आम जनता पुलिस की कार्यशैली से बिलकुल संतुष्ट नहीं है। मनमानी केवल सामान्य घटनाओं तक ही सीमित नही है बल्कि बलात्कार, अपहरण और अन्य गंभीर व अक्षम्य मामलों में भी पुलिस अल्पीकरण से बाज नही आ रही है।
सीधे-साधे पुलिस अधीक्षक को भी थाने के दरोगा और सिपाही गुमराह करने में कामयाब हो जाते हैं। मामला कोतवाली थाना अंतर्गत रहने वाली एक नाबालिग से जुड़ा है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से बात कर उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई तो मोबाइल उनके पीआरओ ने उठाया और कहा कि आई जी साहब की मीटिंग चल रही है बाद में बात होगी। जबकि शहर कोतवाल राहुल सिंह ने कहा कि पुलिस ने जो उचित समझा होगा किया होगा। यह भी कहा कि उनको इस तरह के किसी भी मामले की कोई जानकारी नहीं है।
इस संदर्भ में कोतवाली थाना अंतर्गत रहने वाली एक पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से सोमवार को मिलकर यौन शोषण किए जाने का आरोप एक युवक पर लगाते हुए विधिक कार्रवाई की मांग की थी। बताया जाता है प्रकरण में संज्ञान लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने कोतवाली थाने की पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने हेतु आदेशित किया था। विश्वसनीय सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि कोतवाली थाने की पुलिस ने मंगलवार को संविधान, कानून एवं पुलिस अधीक्षक के निर्देश के विपरीत आरोपी युवक तथा पीड़िता के बीच “तथाकथित“ समझौता करा दिया।
चर्चा है कि इस मामले में पुलिस ने जिले के रुद्रपुर थाना अंतर्गत खोराराम के रहने वाले आरोपी युवक से भारी धन उगाही कर सादे कागज पर पीड़िता के साथ भविष्य मे शादी करने का एक समझौता पत्र लिखवा कर उसे रिहा कर दिया है। जबकि पीड़िता ने स्पष्ट रूप से पुलिस अधीक्षक से लिखित शिकायत किया था कि वह नाबालिग है तथा उसके साथ शादी का झांसा देकर आरोपी ने कई बार दुष्कर्म किया है। लेकिन कोतवाली थाने की पुलिस भली-भांति यह जानते हुए भी कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म की घटना घटित हुई है।
उसने यह समझा दिया कि अभी तुम नाबालिग हो जब बालिग हो जाना तो आरोपी से शादी कर लेना। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने एक सादे कागज पर समझोता पत्र तहरीर करवाया है। कहा जाता है कि पीड़िता और आरोपी को पुलिस ने समझा बुझाकर और झूठे आश्वासन देकर घर भेज दिया। अब सवाल यह उठता है कि यदि भविष्य में आरोपी ने पीड़िता के साथ शादी नहीं की तो क्या पुलिस उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पीड़िता को न्याय दिलवा पाएगी या पीड़िता एक बार फिर से न्याय की फरियाद लेकर पुलिस विभाग का चक्कर लगाएगी। सवाल यह भी उठता है कि जब देवरिया के ईमानदार एवं सख्त छवि वाले पुलिस अधीक्षक संकल्प शर्मा ने विधिक कार्रवाई करने हेतु आदेशित किया था तो कोतवाली पुलिस ने किस अधिकार से प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने की बजाय मामले में समझौता करा दिया ?