भूटान में ‘अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान’ से सम्मानित हुये डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’
बस्ती। वरिष्ठ कवि डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को उनके योगदान के लिये भूटान में ‘अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया गया। वे ‘अन्तर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में हिस्सा लेने भूटान के फुन्टलोशिंग शहर में गये थे। उन्हें कवि सम्मेलन के अध्यक्षता करने का भी गौरव दिया गया।
पिछले 5 दशक से निरन्तर साहित्य के क्षेत्र में सक्रिय डा. ‘जगमग’ की 8 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को भूटान में सम्मानित किये जाने पर देश के अनेक साहित्यकारों ने प्रसन्नता व्यक्त किया है। वरिष्ठ चिकित्सक एवं साहित्यकार डा. वी.के. वर्मा ने कहा कि हिन्दी कविता के क्षेत्र में डॉ. जगमग की साहित्य यात्रा स्वंय में विविधता लिये हुये हैं. उनकी कृति ‘चाशनी’ से लेकर ‘किसी की दिवाली किसी का दिवाला’ विलाप खण्ड काव्य, ‘हम तो केवल आदमी है’ ‘सच का दस्तावेज’ खुशियों की गौरैया, ‘बाल सुमन’ बाल चेतना, आदि कृतियों में वे कभी हास्य तो कभी गंभीर दर्शन के रूप में आम आदमी की पीड़ा व्यक्त करते हुये उनका प्रतिनिधित्व करते हैं. कहा कि इन दिनों वे ‘स्वामी विवेकानन्द’ पर केन्द्रित महाकाव्य का सृजन कर रहे हैं, निश्चित रूप से उनका साहित्यिक संसार घोर तमस में समाज का पथ पदर्शन करेगा।
वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम प्रकाश शर्मा ने कहा कि डा. जगमग ने जहां स्वयं अनेकों कृतियां समाज को दिया वहीं वे पूर्वान्चल में समर्थ कवियों की पीढी तैयार कर रहे हैं. निश्चित रूप से यह कठिन कार्य है, नई पीढी उनसे बहुत कुछ सीख सकती है। वरिष्ठ साहित्यकार ज्ञानेन्द्र द्विवेदी ‘दीपक’ने कहा कि डा. जगमग का रचना संसार जन सरोकारों से जहां सीधा जुड़ा है वहीं उनके कटाक्ष और तीखे व्यंग्य श्रोताओं की जुबान पर चढ़े हुये है। डॉ. त्रिभुवन प्रसाद मिश्र ने कहा कि डॉ. जगमग का जीवन साहित्य को समर्पित है. कवि सम्मेलनों में वे आम आदमी की भावना को सहज रूप में छू जाते हैं।
विदेश की धरती भूटान में मिले सम्मान से उत्साहित डा. रामकृष्ण लाल ‘जगमग’ ने कहा कि उन्होने जिस तरह से जीवन को देखा उसे शव्दों में उतार दिया. यह क्रम अनवरत जारी है। भूटान का कवि सम्मेलन उनकी स्मृतियांं में रहेगा। बहुत कुछ जानने, समझने को मिला और अनेक साहित्यकारों, कवियों से भेंट हुई। यह सम्मान जनपदवासियों को समर्पित है। डॉ. राम कृष्ण लाल ‘जगमग’ को भूटान में सम्मानित किये जाने पर मुख्य रूप से प्रो. ओमपाल सिंह ‘निडर’ डा. राधेश्याम ‘बंधु’ भूषण त्यागी, अनुराग मिश्र ‘गैर’ डा. राम नरेश सिंह मंजुल, प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, विनोद उपाध्याय, रहमान अली ‘रहमान’, अर्चना श्रीवास्तव, दीपक सिंह प्रेमी, डा. राजेन्द्र सिंह ‘राही’ बी.के. मिश्र, पवन श्रीवास्तव, हरिलाल मिलन, सुनीता चतुर्वेदी, डा. सत्यव्रत द्विवेदी, सत्यमवदा शर्मा, डा. अफजल हुसेन अफजल के साथ ही अनेक साहित्यकारों, कवियों ने प्रसन्नता व्यक्त किया है।