देवरिया में पुलिस ने वसूली का आरोप लगाकर पत्रकारों को भेजा जेल
देवरिया, 13 फरवरी (ओपी श्रीवास्तव)। जिले में पुलिस के लंबे हाथ भले ही अपराधियों की गिरेबान तक न पहुंचे लेकिन पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस जरा सा भी देर नहीं करती है। शिकायत मिलते ही पुलिस 151 सीआरपीसी के अलावा आईपीसी के भी विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पत्रकार को गिरफ्तार कर लेती है।
घटना को लेकर जिले के पत्रकारों में काफी आक्रोश व्याप्त है और उन्होंने इस तानाशाही पुलिसिया रवैये की निंदा की है। मिली जानकारी के अनुसार बरियारपुर थाने के एक ईंट भट्ठे पर समाचार संकलन के उद्देश्य से गए दो पत्रकारों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। जानकारी के अनुसार प्रेम शंकर मणि त्रिपाठी एक इलेक्ट्रॉनिक चैनल के पत्रकार हैं सोमवार को वह शिकायत मिलने पर अपने एक साथी पत्रकार के साथ बरियारपुर थाना अंतर्गत एक ईंट के भट्टे पर गए थे। कहा जाता है कि वहां पर ईंट भट्ठा मालिक तथा उसके गुर्गों ने पत्रकारों को घेर कर उनके साथ गाली गलौज और मारपीट की।
लेकिन पुलिस ने केवल पत्रकारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपनी बहादुरी दिखाई। यह पहली बार देखने को मिल रहा है कि पुलिस ने पत्रकारों के खिलाफ आईपीसी की धारा 504, 506 एवं 384 के तहत अभियोग पंजीकृत किया ही साथ में शांति भंग की आशंका में भी सीआरपीसी की धारा 107, 116, 151 के तहत पत्रकारों का चालान कर दिया। जबकि ईंट भट्ठा मालिक तथा उसके गुर्गों के खिलाफ पुलिस ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की। सूत्रों का कहना है कि ईंट भट्ठा मालिक दबंग किस्म का व्यक्ति है तथा सत्ता दल के नेताओं से इसके काफी अच्छे संबंध है। इसी वजह से इसके यहां बाल मजदूरी एवं अवैध तरीके से देसी शराब का निर्माण होता है।
आरोप है कि स्थानीय बरियारपुर थाने की पुलिस की शह पर भट्ठा मालिक तथा उसके गुर्गों ने पत्रकारों के साथ जम कर दुर्व्यवहार किया। इस मामले में सी ओ सलेमपुर दीपक शुक्ला ने कहा कि पत्रकारों पर आरोप है कि वह ईट भट्ठा मालिक से डेढ़ लाख रुपए की वसूली करने के आशय से अपने को लखनऊ का पत्रकार बताते हुए एक लखनऊ के नम्बर वाली चार पहिया वाहन से ईट भट्ठा पर पहुंचे थे और ईंट भट्टे का लाइसेंस न होने पर ईट भट्ठा को बंद कर देने की धमकी देकर रुपया वसुलने हेतु दबाव बना रहे थे। फिलहाल पूरे प्रकरण की जांच पुलिस विभाग कर रही है और यह संदेश देना चाहती है कि जिले के शराब तस्करों, भू माफिया, गुंडे , बदमाश आदि अपराधी भले ही पुलिस की पकड़ से दूर हो। लेकिन पत्रकारों के खिलाफ शिकायत मिलते ही पुलिस फौरन एक्शन मोड में आकर अपनी बहादुरी प्रदर्शित करती है।