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28 अप्रैल 2024
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आगरा में सत्संगियों और पुलिस के बीच भारी बवाल, पुलिस, पत्रकार समेत 40 से ज्यादा लोग घायल

Posted on: Sun, 24, Sep 2023 11:08 PM (IST)
आगरा में सत्संगियों और पुलिस के बीच भारी बवाल, पुलिस, पत्रकार समेत 40 से ज्यादा लोग घायल

आगरा, यूपी (राहुल कुलश्रेष्ठ) आगरा में रविवार को सत्संगियों और पुलिस के बीच भारी बवाल हो गया। सत्संगियों ने पत्थराव किया तो पुलिस ने भी उन्हे दौड़ा दौड़ाकर पीटा। इस घटना में कई सत्संगी, पत्रकार और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। मौके पर भारी मात्रा में और पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। दरअसल शनिवार को दयालबाग क्षेत्र में पुलिस प्रशासन की टीम ने छह अवैध गेट ध्वस्त किए थे।

उन रास्तों को खुलवाया था जो सत्संगियों ने दीवार लगाकर बंद कर दिए थे। टैनरी मार्ग पर लगा गेट नंबर आठ शनिवार को पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में सत्संगियों ने जबरन फिर खड़ा कर दिया था। पुलिस उसे ध्वस्त कराके लौटी तो रात ही रात में सत्संगियों ने उस जगह नया गेट लगाकर प्रशासन को चुनौती दे दी। खुलवाए गए रास्तों को तार लगाकर बंद कर दिया। इसका पता चलने पर जिलाधिकारी भानु चंद गोस्वामी के निर्देश पर पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम निरीक्षण के लिए गई। शाम करीब साढ़े चार बजे फोर्स गेट नंबर आठ पर पहुंचा।

सत्संगी पहले से तैयार बैठे थे। गेट पर महिलाओं ने मोर्चा संभाल रखा था। कई महिलाओं की गोद में बच्चे थे। उनके पीछे सत्संगियों की महिला आर्मी लट्ठबाजी कर रही थी। भीड़ ने सबसे पहले मीडियाकर्मी राजकुमार उप्पल को घेरकर बेरहमी से पीटा। उसका सिर फोड़ दिया। जैसे ही पुलिस आगे बढ़ी महिला आर्मी ने लाठी-डंडों से पुलिस पर ही हमला कर दिया। पुलिस अफसरों ने बमुश्किल जान बचाई। यह देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। गेट के सामने बुलडोजर खड़ा था, लेकिन चाहकर भी उसे हरकत में नहीं लाया जा सका।

पुलिस टीम ने दूसरी बार गेट और तार हटाने का प्रयास किया, लेकिन इस बार सत्संगियों की तरफ से जरबस्त पथराव हुआ। एक दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी जख्मी हो गए। इसके बाद और ज्यादा फोर्स बुलाई गयी। तीसरे प्रयास में भी पुलिस प्रशासन की टीम असफल रही। सत्संगियों ने पथराव करके जेसीबी के शीशे चकनाचूर कर दिए गए। फिलहाल पुलिस प्रशासन की टीम 24 घंटे में अपना पक्ष रखने का अल्टीमेटम देकर लौट आई। राधास्वामी सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैय्यर ने बताया, हमने अधिकारियों को सत्संग सभा के स्वामित्व के कागज दिखाए, लेकिन उन्होंने उन्हें फर्जी बता दिया गया।

उन्हीं के अधिकारियों के दस्तखत और उन्हीं को वह नहीं मान रहे। पुलिस और प्रशासन ने बर्बरतापूर्ण काम किया। बच्चों और महिलाओं पर भी लाठीचार्ज किया। 40 लोग सरन अस्पताल में भर्ती हैं। पूरे घटनाक्रम का वीडियो पीएमओ को भेज दिया गया है। मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी ने का कहना है कि सत्संगियों ने महिलाएं और बच्चे आगे कर दिए थे। ऐसे में कार्रवाई रुकवा दी गई। इस क्षेत्र के राजस्व रिकॉर्ड की जांच तहसील स्तर से हु‌ई थी। अब इसकी जांच एडीएम स्तर से कराने के निर्देश दिए हैं। इससे काउंटर चेक हो जाएगा। कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।




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