कोटे की दुकान पर आये खाद्यान्न की गुणवत्ता पर सवाल
पिहानी, हरदोईः (प्रदीप सोनी) कस्बे में संचालित उचित दर विक्रेता की दुकानों पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत राशनकार्ड धारकों को कोटेदारों द्वारा प्रत्येक माह मिलने वाले खाद्यान्न की गुणवत्ता की पोल खुल गई। संज्ञान में आया है कि कोटेदारों की उदासीनता से परेशान उपभोक्ताओं की मांग पर ई-पॉश कैशलेस मशीनों के माध्यम से खाद्यान्न वितरण शुरु करा दिया है। मगर बहुधा यह मशीनें कार्ड धारकों के मुखिया के अलावा किसी अन्य सदस्य की फिंगर प्रिंट नहीं स्वीकार कर रही हैं जिसके कारण कोटेदार और उपभोक्ता सभी परेशान हो रहे हैं।
इसी क्रम में इस माह सबसे अहम बात सामने यह आई है कि कस्बा पिहानी के कोटेदार साहेब अली व राशिद के यहाँ इस माह जो खाद्यान्न वितरण हेतु आया है उसमें गेहूँ के बोरों पर पैकिंग तो इसी सत्र 2017 की है और बोरों पर कहीं पर भीगने व सड़ने जैसी स्थिति भी नजर में नहीं आ रही है फिर भी जितने गेहूँ के बोरे खोले गए उसमें अधिकांश में सड़ा-गला व मिट्टी युक्त गेहूँ निकल रहा है।
इसकी गुणवत्ता देखकर सभी हैरान व परेशान हो रहे हैं। खास बात तो यह है कि नवीन बोरा पैकिंग में इतना गुणवत्ताहीन खाद्यान्न जिसे जानवर भी न खाए और यदि खाए तो बीमार हो जाए आखिर इसमें दोष किसका है। इस अनाज के रखरखाव में जरुर अनदेखी की गई। फिलहाल इस बावत जब स्थानीय संवाददाता ने क्षेत्रीय खाद्य निरीक्षक अमित द्विवेदी से बात की तो उन्होनें इसका संज्ञान लेते हुए जिलापूर्ति अधिकारी से वार्तालाप करके उसे तत्काल वापस कराने हेतु उक्त कोटेदारों को सूचित किया है।