अपने हाल पर आंसू बहा रहा है पोस्टमार्टम हाउस
काशीपुर, उत्तराखण्ड (कुंदन शर्मा) काशीपुर में स्थित पोस्टमार्टम हाउस अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। स्थानीय प्रशासन से लेकर शासन तक इस पोस्टमार्टम हाउस की सुध लेने वाला कोई नहीं है। आलम यह है कि घटना दुर्घटना में अपनी जान गवा देने वाले मृतकों की लाशें यहां संसाधनों के अभाव में बेतरतीब रखी जाती हैं। काशीपुर में सरकारी अस्पताल के पास स्थित पोस्टमार्टम हाउस यानी शव विच्छेदन गृह, जहां 1 साल में 300 से साढे 300 शवों का पोस्टमार्टम किया जाता है।
वहीं पुलिस अधिकारियों के मुताबिक काशीपुर पोस्टमार्टम हाउस में काशीपुर के अलावा जसपुर, कुंडा, सुल्तानपुर पट्टी, बाजपुर तथा केलाखेड़ा तक से शवों को पोस्टमार्टम के लिए लाया जाता है लेकिन यहां लाशों के रखरखाव की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण पोस्टमार्टम के लिए लाई गई लाशें बेतरतीब रख दी जाती हैं। गर्मियों के दिनों में लावारिस शव मिलने पर 72 घंटों के लिए शव रखने की स्थिति में पोस्टमार्टम हाउस में पोस्टमार्टम के लिए लाए जाने वाले अन्य शवों को लेने वाले लोगों को गंध के मारे रुकना दूभर हो जाता है। पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टरों की माने तो पोस्टमार्टम हाउस में काफी संसाधनों का अभाव है। रात के समय पोस्टमार्टम करने के लिए वहां लाइट की उचित व्यवस्था नहीं है।
इनवर्टर की भी व्यवस्था नहीं है। पोस्टमॉर्टम हाउस में शवों को रख रखाव की उचित व्यवस्था नही है। पोस्टमार्टम हाउस में पोस्टमार्टम करने वाले कर्मियों के लिए भी उचित व्यवस्था नहीं है। जिले के अपर जिलाधिकारी जगदीश चंद्र कांडपाल ने पूरे मामले में कहा कि मीडिया के द्वारा यह मामला उनके संज्ञान में डाला गया है। इस पूरे मामले में शासन स्तर से जो भी मदद होगी वह की जाएगी। वहीं स्थानीय विधायक हरभजन सिंह चीमा ने भी इस बार गर्मी से पहले पोस्टमार्टम हाउस में एसी लगाने की बात कही। उन्होने अन्य संसाधनों के पूरा करने के लिए शासन के समक्ष बात रखने की बात कही।