ठंड का कहर, पहाड़ गया ठहर
सिलीगुड़ी से पवन शुक्ल एवं दार्जिलिंग से संगीता गुरूंगः पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग पर 11 वर्षों के बाद एक बाद फिर बहार आ गई है। एक तरफ जहां वर्फवारी से पहाड़ पर सैलानियों में खुशियों का माहौल है, वहीं समतल क्षेत्रों में.पारा गिरने से ठंड का कहर जारी है। मिली जानकारी के अनुसार दार्जिलिंग में वर्ष 2007 के समय में हल्की वर्फवारी हुई थी। लेकिन 11 वर्षों के दौरान सैलानियों को मायूसी रही। वर्ष 2018 की वर्फवारी ने फिर सैलानियों को अपनी ओर खींचा है। वहीं पहाड़ी और समतल क्षेत्रों में पारा लुढ़कने से स्थानीय लोगों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है। शुक्रवार को दार्जिलिंग में पारा न्यूनतम 2.4 व अधिकतम 9.6 रहा। जबकि कालिंगपोंग में न्यूनतम 7.7 व अधिकतम 16.1 रहा। वहीं सिक्किम की राजधानी गंगटोक में पारा न्यूनतम 1.2 .व अधिकतम 15.7 रहा। उत्तर बंगाल व सिक्किम के पहाड़ी क्षेत्रों मे हो रही वर्फवारी से जहां पर्यटन गुलजार है, वही इसका असर मैदानी क्षेत्रों में होने के कारण करीब एक दशक बाद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।