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West bengal

मौत बेंच रहे हैं, उसकी भी कालाबाजारी

Posted on: Tue, 21, Apr 2020 10:59 PM (IST)
मौत बेंच रहे हैं, उसकी भी कालाबाजारी

सिलीगुड़ी, वेस्ट बंगाल (पवन शुक्ल) लॉकडाउन पीरियड में व्यापारियों की चांदी है। चास तौर से मौत का सामान बेंचने वालों की। दुनिया मौत के मकडजाल (कोविड 19) में फंस चुकी है। वैश्विक आपदा के इस दौर में मौत के सौदागरों (गुटखा, सिगरेट व शराब) का वन टु का फोर धडल्ले से चल रहा है। हम बात कर रहे हैं ओवररेटिंग कर सामान बेंचने वाले व्यापारियों की जिन पर नकेल कसने के लिये सरकार कोई कारगर कदम नहीं उठा पा रहा है। सिलीगुड़ी का गुटखा, खैनी और पान मसाले का बाजार पान बाजार हालांकि देखने में तो बंद नजर आता है पर अंदर खाने कालाबाजारी धडल्ले से जारी है।

पुराना माल भी चोखा

इन व्यापारियों के लिये पुराना माल भी चोखा है। वर्तमान में रजनीगंधा का मूल्य थोकभाव 52 पीस पैकेट का मूल्य 890 से 900 के बीच है जबकि वास्तविक मूल्य 780 रूपया है। वहीं तुलसी का 8 रूपया प्रिंट है 9 रूपये थोक भाव है। इसी प्रकार 30 पीस वाले बाक्स में शिखर 125 का 250, पारस 125 का 200, दिलरूबा 120 का 250, बहार 125 का 250, कमलापसंद 125 का 260 जबकि तमन्ना गुटखा 80 रूपये का 125 रूपये में बिक रहा है।

ये सभी मूल्य थोकभाव का है जिसको लेकर खुदरा व्यापारियों को की रोज तूं तूं मैं मैं होती है। इसी प्रकार सिगरेट के मूल्य में थोकभाव की कालाबाजारी हो रही है, 10 पीस 60 रूपये का फ्लैग 75 रूपया और नेवीकट 110 की जगह 120 से 130 रूपये प्रति पैकेट (10पीस) बिक रहा है। वही अगर शराब की बात करें तो उसका कोई मूल्य नहीं है वैसे तो है नहीं जहां जिसके पास है ब्लाइंड स्पाइड समेत विभिन्न प्रकार के स्काच और विस्की का मूल्य निर्धारित मूल्य से तीन से चार गुना रेट पर बिक रहा है।




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