हेडमास्टर बनने के लिये पास करना होगा टीईटी
इलाहाबाद: टीचर से हेडमास्टर बनने की प्रकिया में छुट के लिए हाइकोर्ट में दाखिल याचिका खारीज हो गई। हाईकोर्ट ने छूट देने से मना करते हुए याचिका खारिज कर दी। अपर प्राइमरी स्कूल में हेड मास्टर बनने के लिए टीईटी की अर्हता से छूट देने के लिए हाइकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। याचिका दाखिल करते हुए तमाम दलीलें दी गई थी जिसे अस्वीकार करते हुए हाइकोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त बेसिक स्कूल में नियुक्ति एवं अध्यापक की सेवाशर्त नियमावली 1978 में सहायक टीचर बनने के लिए ही टीईटी की अर्हता है। प्राध्यापक के लिए नहीं है।
दो जनवरी 2016 को जारी विज्ञापन को चुनौती देते हुए विनोद कुमार शुक्ला ने याचिका दाखिल की थी। याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बी अमित स्थालेकर ने याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने याची को समझाते हुए यह बताया कि विज्ञापन, मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में सहायक टीचरों को हेडमास्टर नियुक्ति करने के लिए दिया गया।
विज्ञापन में न्यूनतम अर्हता टीईटी उत्तीर्ण और हेडमास्टर के लिए किसी मान्यता प्राप्त विद्यालय में कम से कम पांच साल का सहायक टीचर के रूप में कार्य अनुभव भी जरूरी रखा गया। याचिका दाखिल करते हुए कहा गया था कि पांच साल के अनुभव की अर्हता के बाद टीईटी उत्तीर्ण की अर्हता आवश्यक नहीं है। कोर्ट की तरफ से इस दलील को अस्वीकार कर दिया गया और याचिका को खारिज करते हुए शिक्षा विभाग की नीति को सही ठहराया।