बाहरी प्रत्याशी स्वीकार करने के मूड में नहीं मऊ की जनता
मऊ, ब्यूरोः (सईदुज़्जफर) इस बार मऊ लोकसभा की जनता का मूड कुछ अलग ही दिख रहा है जो किसी भी पार्टी की जीत का समीकरण बिगाड़ सकता है। इस बार मऊ की जनता जात-पात, धर्म और पार्टी से ऊपर उठकर सिर्फ स्थानीय प्रत्याशी को वरीयता देने की बात कर रही है। मऊ के घोसी लोकसभा की जनता किसी भी दशा में बाहरी प्रत्याशी स्वीकार करने के मूड में नहीं दिख रही, प्रत्याशी को लेकर सोशल मीडिया पर हर तरफ से विरोध जारी है। लोगों की बस एक ही आवाज है कि किसी भी पार्टी का कोई भी प्रत्याशी हो वह स्थानीय होना चाहिए जिससे कि मऊ की जनता का दुख दर्द समझे और शहर का विकास हो। सोशल मीडिया पर स्थानीय प्रत्याशी के नाम पर एक बहस सी छिड़ गई है। कमेंट्स देखे जाए तो लोगों की अलग अलग प्रतिक्रियाएं दिख रही हैं। कुछ का कहना है मऊ बचाना है बाहरी भगाना है, किसी की पार्टी आला कमान से मांग है कि एक अदद नेता ही दे दो मऊ के लिए जिस से कि मऊ का विकास हो सके। किसी ने स्थानीय नेताओं में अतुल कुमार अंजान, डाक्टर सुधा राय, सालिम अंसारी, मनोज राय, अरशद जमाल, अल्ताफ अंसारी आदि नामों पर भी विचार करने की बात कही है।
इस बारे में जब हमने स्थानीय लोगों से संवाद कर उनकी राय ली तो समाज सेवी अरविंद मुर्ति का कहना है कि इस बार हम लोगों को गंभीर होकर इस पर विचार करने की आवश्यकता है और किसी भी दशा में इस बार मऊ से बाहर के प्रत्याशी को वोट नहीं किया जाएगा पार्टी कोई भी हो उसे स्थानीय प्रत्याशी पर विचार करने की आवश्यकता है, आगे उन्होंने कहा कि मऊ के अधिकतर वोटर इस बार धर्म जाति और पार्टी से ऊपर उठकर मऊ के विकास के बारे में सोच रहे हैं और पार्टी आलाकमान वोटरों का मूड नहीं समझी तो भारी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। रमन पाण्डेय का कहना है कि आखिर हम लोग कब तक दूसरों के भरोसे विकास की उम्मीद लगाए बैठे रहेंगे अपने शहर का ही प्रत्याशी होना चाहिए।
प्राध्यापक मनोज सिंह का कहना है कि बच्चे और शहर का भविष्य संवारने के लिए स्थानीय को वरीयता दी जाएगी जिस से की मऊ शहर शिक्षा के साथ अन्य क्षेत्रों में तरक्की करे। इनकम टैक्स वकील अतुल सिंह व अमरेश सिंह का कहना है कि इस बार पार्टी, धर्म और जाति पर वोट नहीं पड़ेगा जनता जागरूक हो चुकी है। सिविल कोर्ट वकील यू.पी राय का कहना है कि अब वह समय आ गया है कि लोग अपनी जागरूकता का परिचय दें। भूगोल प्रवक्ता डा ऋषिकेश तिवारी का कहना है कि इस बार हमारा वोट उसी प्रत्याशी को जाएगा जो स्थानीय हो।