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पुरानी पेंशन को लेकर आन्दोलन तेज

Posted on: Sun, 11, Sep 2022 11:12 PM (IST)
पुरानी पेंशन को लेकर आन्दोलन तेज

भरुच, नर्मदा (बीके पाण्डेय) गुजरात में अब विधानसभा चुनाव के समय विविध आंदोलन व विरोध की लहर सरकार की परेशानियों को बढ़ा रही है। भरुच जिला कर्मचारी संयुक्त मोर्चा की अगुवाई में हजारों सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने,केन्द्र के कर्मचारियों की तरह आयु सीमा साठ साल करने, सातवा वेतन आयोग लागू करने, पैतालिस साल बाद विभागीय परीक्षा नही कराने, फिक्स वेतन को हटाने सहित विविध 15 मांगों को लेकर मुख्य मार्ग पर बैनर, पोस्टर हाथ में लेकर शनिवार की शाम को रैली निकाली व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

राज्य सरकार के विविध कर्मचारियों की निकली विशाल रैली शहर में से होते हुए कलेक्टर कार्यालय आई जहा पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सुर्पुत किया गया। कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांग पूरी नही की गई तो फिर से 11 सितंबर को महारैली व ज्ञापन, 17 सितंबर को मास सीएल,22 को पेन डाउन व 30 सितंबर को अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी। उधर नर्मदा जिला मुख्यालय राजपीपला में भी पुरानी पेंशन योजना को शुरु करने तथा अन्य मांगों को लेकर प्राथमिक शिक्षकों, माध्यमिक व उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों, लेखपालों, स्वास्थय कर्मचारियों व अन्य सरकारी विभाग के दो हजार से ज्यादा कर्मचारी शनिवार को रास्ते पर उतर आये।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रैली निकालकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को दिया गया। रास्ते पर उतरे कर्मचारियों में काफी नाराजगी देखने को मिल रही थी। इस बार आर या पार की लड़ाई लडऩे का मूड कर्मचारी बना रहे हैं। काफी संख्या में शिक्षित वर्ग एक जुट होकर सरकार को धमकी दी है कि अनपढ़ व आठ पास विधायक व सांसद पूरी जिंदगी पेंशन लेते हैं मगर जो कर्मचारी पढ़ लिखकर परीक्षा पास कर सरकारी नौकरी हासिल करता है उसे पेंशन न देकर सरकार अन्याय कर रही है। कर्मचारियों ने कहा कि आने वाले विस चुनाव में सरकार को कर्मचारी अपनी ताकत दिखा देंगे।

पेंशन मिलेगी तो का साथ

नर्मदा जिले के माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रमुख दिग्विजय सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की मांग को स्वीकार करना ही होगा। कर्मचारी पूरी जिंदगी काम करता है व उसे बुढ़ापे में पेंशन मिलनी ही चाहिए तभी उसका जीवन यापन हो सकेगा। पुरानी पेंशन प्रथा चालू होगी तब ही सरकार के साथ कर्मचारी रहेंगे व आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन किया जायेगा।

नेताओं को पेंशन तो हमें क्यों नही

गुजरात राज्य कर्मचारी महामंडल के प्रमुख सुरेश भगत ने कहा कि पुरानी पेंशन के साथ विविध पंद्रह मांगों को लेकर पहले अलग अलग आंदोलन किया जाता रहा था मगर इस बार सभी कर्मचारी मंडल साथ मिलकर हक के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इतिहास में पहली बार एैसा हुआ है कि राज्य के 75 के करीब कर्मचारी संगठन एक साथ एक बैनर के अधीन होकर आंदोलन कर रहे हैं। अभी जिले में आंदोलन किया गया आगे गांधीनगर में किया जायेगा। नेताओं को पेंशन मिलती है तो कर्मचारियों को क्यों नही मिलनी चाहिए।




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