नौकरी के लिए बनाई नकली मार्कशीट, दो जन हुए गिरफ्तार
भरुच, गुजरातः (बीके पाण्डेय)। भरुच जिले में स्थित विविध कंपनियों की वजह से रोजगार पाने के लिए स्थानीय लोगो के साथ अन्य जिलों के साथ दूसरे राज्य से भी लोग आकर काम कर रहे हैं वहीं कंपनी में नौकरी पाने के लिए कई लोगो की ओर से नकली शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का भी उपयोग कर नौकरी की जा रही है। डेढ़ साल पहले नकली मार्कशीट का घोटाला पकड़ा गया था।
इसके बाद एक बार फिर से नकली मार्कशीट का जिन्न फिर से बाहर निकला। भरुच एलसीबी अंकलेश्वर टीम के पीएसआई आर.के.टोराणी व उनकी टीम ने अंकलेश्वर में कापोदरा पाटिया के पास राधे क्रि ष्णा रेसीडेंसी में रहने वाले व अंकलेश्वर की सज्जन इंडिया कंपनी के प्रोडेक्शन यूनिट में काम करने वाले निरंजन निर्मल राय को नकली मार्कशीट के साथ गिरफ्तार किया। निरंजन निर्मल राय दस से बारह हजार रुपया लेकर नकली मार्कशीट बनाकर लोगो को प्रदान करता था। पकड़ा गया आरोपी अपने मोबाईल से पोस्टर मेकर नामक एप का उपयोग कर नकली मार्कशीट बनाता था।
उसके मोबाईल से पुलिस ने चालीस से पैतालिस नकली मार्कशीट भी पकड़ी। आरोपी ने पुलिस को बताया कि कोसमडी गांव में स्थित सांई श्रध्दा रेसीडेंसी में रहने वाला विवेक सिंह नकली मार्कशीट लेने वाले लोगो को खोजकर लाता था। आरोपी के बयान के बाद पुलिस ने विवेक सिंह को भी गिरफ्तार किया। पुलिस ने दोनो के मोबाईल के साथ कुल पैतालिस हजार रुपए का सामान जब्त किया। पकड़े गये दोनो आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
बनाते थे यह मार्कशीट
1. अंकलेश्वर आईटीआईी का एओसीबी कोर्स, 2. आईटीआई फिटर की मार्कशीट, 3. गुजरात राज्य शिक्षण बोर्ड की कक्षा दस की मार्कशीट, 4. यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मार्कशीट
बांट लेते थे आधा आधा
मिली खबर के अनुसार विवेक सिंह जिन लोगो को मार्क शीट की जरुरत होती थी उन्हें खोजकर निरंजन से संपर्क करता था। एक मार्कशीट का ये लोग दस से बाह हजार रुपए लेते थे जिसमें विवेक सिंह छह से सात हजार रुपया अपना कमीशन काटकर बाकी रुपया निरंजन राय को दे देता था।
हो रही है जांच
अंकलेश्वर में एलसीबी की टीम द्रारा पकड़े गए दोनो आरोपियों के पास से पैतालिस मार्कशीट जब्त की। इस मार्कशीट के आधार पर किसी ने कंपनी में नौकरी हासिल कर ली है या नही इसकी भी जांच पुलिस कर रही है। अगर एैसा कोई मामला सामने आता है तो दोनो के खिलाफ अलग से मामला दर्ज किया जायेगा।
इनका कहना है
अंकलेश्वर के डिप्टी एसपी चिराग देसाई ने कहा कि आरोपी निरंजन के मोबाईल में पोस्टर मेकर साफ्टवेयर की मदद से नकली मार्कशीट बनाई जाती थी। मोबाईल से मिल आईी मार्कशीट की सच्चाई का पता लगाने के लिए उसे आईटीआई में भेज गया है। नकली मार्कशीट की रिपोर्ट आने के बाद दोनो के खिलाफ धोखाधड़ी व आपराधिक षडय़ंत्र बनाने की धारा के तहत जांच होगी। अभी दोनो के खिलाफ आईपीसी की धारा 41 (1) डी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
डेढ़ साल पहले भी मार्कशीट का घोटाला
अंकलेश्वर में डेढ़ साल पहले एसओजी की टीम ने जाब कन्सलटेंसी की आड़ में नकली मार्कशीट व नकली नोट बनाने के घोटाले को पकडक़र 215 मार्कशीट जब्त किया था। आरोपी पच्चीस हजार रुपया लेकर लोगो को बोर्ड, यूनिवर्सिटी व आईटीईआई की नकली मार्कशीट देते थे।