बेईमान हुआ मौसम, दार्जिलिंग में पारा लुढ़का, सिलीगुड़ी भी ठंड
दार्जिलिंग से संगीता गुरूंग, सिलीगुड़ी से पवन शुक्लः प्रकृति से हो रही छेड़छाड़ का खामियाजा सभी भोग रहे हैं, मौसम बदल रहा और लोगों की मुसीबतें बढ़ रही हैं। एक तरफ देश के पहाड़ी राज्यों में लोग वर्फबारी की मार झेल रहे है। वहीं पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग में भी मौसम भी बेईमान हो चला है। बूंदाबांदी से दार्जिलिंग की पहाड़ियों में न्यूनतम पारा 1 डिग्री तक पहुंच गया। सिलीगुड़ी के तापमान में जबरदस्त गिरावट आई और आज इस वर्ष का सबसे ठंडा दिन रहा। करीब 42 वर्षों से दार्जिलिंग जिले के घूम में एक होटल चला रहे एक बुजुर्ग ने इस बात का अफसोस जताया है कि पहाड़ अब पहले जैसे नहीं हैं, क्योंकि अब हर गुजरते साल के साथ पहाड़ गर्म हो रहे हैं।
हमने उन दिनों को देखा है जब मेरी दुकान के बाहर का इलाका बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता था और कई दिनों तक ठंडी रहती थी। लेकिन धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि के साथ चीजें बदल रही हैं। हालांकि करीब एक दशक के बाद दार्जिलिंग में इस वर्ष बर्फबारी तो हुई। पर अचानक हुई बरसात ने जहां लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है, वहीं बाजार में आने वाली “फस्ट फ्लस की चाय“ की मिठास बढ़ा दी। मालूम हो कि बाजारों में फरवरी माह से फस्ट फ्लस के चाय का आना शुरु हो जाता है। वहीं फरवरी माह की इस बरसात चाय के उत्पादन को और बेहतर बना सकती है। उधर अंतरराष्ट्रीय चाय व्यवसायी राजीव लोचन ने बताया ये वर्षा जहां लोगों को परेशानियों का सबब बनी है, वहीं चाय उत्पादन और चाय उत्पादकों के लिए गोल्ड बारिश है...!