बिहार की सियासत में उभरते रुझान विषय पर हुआ सेमिनार
दरभंगाः (राजेश साहु) ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवाँ के तत्वाधान में रविवार को शहर के डीएमसीएच लेक्चर थियेटर में ‘‘बिहार की सियासत में उभरते रुझान’’ के विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार की अध्यक्षता कारवाँ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नजरे आलम और संचालन अफशा खान, ओसामा हसन ने किया।
तारिक इकबाल ने संयुक्त रूप से किया प्रोग्राम का उद्घाटन दीप प्रज्वलित कर डीएमसीएच के पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष डॉ अजीत चौधरी ने किया। कीनोट ऐड्रेस बी.बी.सी. के पूर्व रिपोर्टर सह जनता का रिपोर्टर रिफत जावेद ने पेश किया और मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और विशिष्ट अतिथि के रूप में इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नियाज़ अहमद शरीक हुए।
कारवाँ की ओर से पाग, शाल, बुके और मोमेंटो देकर अतिथियों का स्वागत किया गया। वरिष्ठ पत्रकार रिफत जावेद ने कहा कि हमारे राजनीतिक समझ के साथ मजाक किया जा रहा है देश की विडंबना है कि जिन के नाम पर सियासत की जाती है उनके प्रति हमारे दिलों में कोई हमदर्दी नहीं होती है। सामाजिक कार्यकर्ता अभय कुमार ने कहा कि धर्म की सियासत बंद होनी चाहिए। डॉक्टर अजीत चैधरी ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थान चौपट हो चुके हैं बिहार हमेशा से अशांति की भूमि रही है।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के टीचर प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद ने कहा कि भारत बहुसंख्यक समाज के स्वर्ण जातों के जाल में फंस गया है। गुजरात दंगे के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली महिला सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि बिहार की सरजमीन में राजनीति है। यहाँ से हमेशा हक और इंसाफ की आवाज उठती रही है। अफशा खान ने अपने भाषण में लड़कियों को आगे लाने और उनमें राजनीतिक समझ पैदा करने का आह्वान किया। इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नियाज़ अहमद ने धन्यवाद ज्ञापन पर सेमिनार का समापन हुआ।