रोडवेज की चलती बस का पहिया निकला
श्री गंगानगर ब्यूरोः (विनोद सोखल) राजस्थान रोडवेज की बस में यात्रा करो तो यात्रियों की मदद के लिए आधा दर्जन लिखे हुए मिलेंगे, यह सभी सरकारी नंबर हैं और रोडवेज अधिकारियों को उठाकर सवारी से बात करना उनकी ड्यूटी में शामिल है किंतु जोधपुर से वाया अनूपगढ़ गंगानगर आ रही बस में चूनावढ़ के पास तेल खत्म हो गया और सवारियां एक घंटे से भी अधिक समय तक रोडवेज के उच्चाधिकारियों को फोन करती रहीं लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। आखिर में पीछे से आई एक प्राइवेट बस में बैठकर यात्री गंगानगर पहुंचे।
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान रोडवेज की गंगानगर आगार की बस प्रातः सवा आठ बजे जोधपुर से वाया अनूपगढ़ श्रीगंगानगर के लिए रवाना हुई थी। बस ने अभी नागौर ही क्रॉस किया था कि जिस समय बस की आरपीएम 25 पर थी उस समय चलती बस से आगे का टायर निकल गया और बस रिम पर ही काफी देर तक दौड़ती रही। मां भगवती की कृपा रही कि किसी भी व्यक्ति को कोई चोट नहीं लगी। इसके बाद ट्रक चालकों की मदद से बस चालक ने टायर बदला। बस इसके बाद वहां से काफी देर के बाद अनूपगढ़ पहुंची और सवारियां उठाकर गंगानगर के लिए रवाना हुई। बस अपने निर्धारित समय से काफी देरी से चल रही थी इस कारण चालक तेज गति से चला रहा था।
यात्रियों ने बताया कि चालक और परिचालक इतने लापरवाह थे कि उन्होंने तेल की टंकी ओर ध्यान ही नहीं दिया। चूनावढ़ पहुंचकर बस में तेल खत्म हो गया। उस समय रात के करीबन 9 बजे थे। एक होटल वाले से मोटरसाइकिल लेकर चालक पेट्रोल पम्प तक गया और वहां से पांच लीटर डीजल लेकर आया किंतु अढ़ाई सौ लीटर की टंकी में पांच लीटर डीजल से कुछ नहीं बना और बस हवा ले गयी। सवारियों ने इसके बाद बस में लिखे हुए नंबरों पर फोन करना आरंभ कर दिया क्योंकि इसके पीछे कोई भी रोडवेज बस नहीं आनी थी।
एक घंटे से भी अधिक समय तक फोन करने के बाद भी कोई सहायता नहीं मिली। किसी ने फोन भी नहीं उठाया और आखिर में राजप्रीत ट्रैवल्स की घड़साना से लुधियाना जाने वाली बस आयी तो सवारियां उसमें बैठकर श्रीगंगानगर पहुंचे। उनको अतिरिक्त किराया देना पड़ा। इस संबंध में सवारियों ने उच्चाधिकारियों को शिकायत भी दर्ज करवायी है। उल्लेखनीय है कि रोडवेज के प्रबंधन ने स्थायी चालकों की भर्ती बंद की हुई है और अनुबंध पर अप्रशिक्षित चालकों को रख लिया है जो असवाधानीपूर्वक बस चलाकर रोजाना दुर्घटनाओं को जन्म दे रहे हैं वहीं सवारियों की जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं।