वो 3 हजार दिया था, तुम 4 दो, विवेचना बदल देंगे
अमेठीः (अश्वनी श्रीवास्तव) एक ओर भाजपा ने सत्ता में आने से पूर्व कानून व्यवस्था को लेकर बड़े बड़े वादे किए थे वहीं सत्ता में आने के पश्चात योगी सरकार में सर्वाधिक मटियामेट कानून व्यवस्था को लेकर ही होता दिखाई पड़ रहा है। सरकार पुलिस मित्र की बात करती है, अमेठी पुलिस ने जनता को याचक बना कर रख दिया है। आये दिन पुलिसिया तंत्र से त्रस्त आम जनमानस फरियाद लेकर कभी योगी के पास तो कभी मुख्य सचिव के पास दौड़ भाग करते नजर आते हैं। क्योंकि निचले स्तर पर इंसाफ की कोई गुंजाइश नजर नही आती।
ताजा मामला ग्राम अमिया थाना व तहसील गौरीगंज जनपद अमेठी का है। जहाँ के निवासी रामअवधेश सिंह ने अपने पुत्रों को फर्जी तरीके से मुकदमें में फंसाने का आरोप विपक्षियों के साथ मिलकर पुलिस पर मढ़ा है। पीड़ित के अनुसार रंजिश के चलते विभव सिंह सुत रमाकांत सिंह ने तत्कालीन एसआई राम नारायन यादव जो कि वर्तमान समय में थाना अमेठी में तैनात है के साथ मिलकर उसके ऊपर फर्जी तरीके से मुकदमा कायम कर चार्जशीट लगा दी। जबकि पीड़ित का बयान तक नही लिया गया।
पीड़ित ने पुलिस की कारगुजारी पर गंभीर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा है कि उसके ऊपर विपक्षी ने झूठी घटना तालाब की भूमि पर जबरन गेंहू बोकर कटवाना दिखाकर उसके तीन पुत्रों रणविजय, दिगविजय व कप्तान के ऊपर एफआई आर दर्ज करवाई। जबकि तालाब की भूमि पर बोया गेंहूँ स्वयं विपक्षी ने कटवाया था। पीड़ित के अनुसार जब वह स्वयं को बेगुनाह साबित करने के लिये विवेचक राम नारायन यादव के पास पहुंचा तो विवेचक राम नारायन यादव ने कहा कि विपक्षी ने चार्ज शीट लगाने के 3000 रूपये दिये हैं अतः तुम 4000 रूपये दे दो तो विवेचना तुम्हारे पक्ष में हो जायेगी। पीड़ित द्वारा गरीब परिवार से होने के कारण पैसे देने में असमर्थता जाहिर की गयी। जिस पर पीड़ित के अनुसार विवेचक राम नारायन यादव द्वारा फर्जी चार्जशीट लगाकर सुल्तानपुर भेज दिया गया। वहीं पीड़ित योगी राज में न्याय के लिये दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।