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18 मई 2024
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Uttar pradesh

भाजपाई हुये पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह

Posted on: Fri, 03, May 2024 8:45 AM (IST)
भाजपाई हुये पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह

बस्ती, 02 मई। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद से ही पूर्व कैबिनेट मंत्री राजकिशोर सिंह के भाजपा ज्वाइन करने की अटकलें तेज हो गई थीं। आखिरकार उन्होने अपने भाई और पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री बृज किशोर सिंह के साथ लखनऊ पहुंचकर बीजेपी का दामन थाम लिया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेन चौधरी और उत्तर प्रदेश सरकार में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।

इस दौरान बस्ती लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद और लोकसभा प्रत्याशी हरीश द्रिवेदी भी मौजूद रहे। राजकिशोर सिंह बस्ती से छह बार विधानसभा तो तीन बार लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। राज किशोर सिंह ने बसपा से अपनी राजनीति शुरू की, विधायक और उद्यान मंत्री बने। बसपा से अलग होकर सपा में गये और पशुधन मंत्री बनाये गये। सपा में उन्हे काफी सम्मान और ओहदा मिला लेकिन एक वक्त था जब अखिलेश यादव अपने चाचा शिवपाल यादव के करीबियों को साइड कर रहे थे, उसी वक्त राजकिशोर सिंह भी निशाने पर आ गये।

पिछले 8 सालों से राजकिशोर सिंह राजनीतिक जमीन की तलाश कर रहे थे। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने साल 2016 में राजकिशोर सबसे पहले मंत्री पद हटाया। और बाद में अखिलेश यादव ने राजकिशोर सिंह के भाई का टिकट 2017 विधानसभा चुनाव में काट दिया था। 9 अप्रैल 2019 को नई दिल्ली में वह महासचिव प्रियंका गांधी की उपस्थिति में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए। उन्होने 2019 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और 86920 वोट पाकर चुनाव हार गए। हालांकि बाद में उन्होने बसपा ज्वाइन कर लिया और 2022 में मायावती ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण उन्हे पार्टी से बाहर कर दिया।

राजकिशोर सिंह लगातार तीन बार विधायक रहे। उन्होंने 2000 में जिला परिषद के सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया। 2002 में वह बहुजन समाज पार्टी के सदस्य के रूप में हर्रैया से विधान सभा के सदस्य भी चुने गए लेकिन 2003 में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। मुलायम सिंह यादव मंत्रिमंडल में वह कैबिनेट मंत्री बने। 2007 के चुनाव में उन्होंने फिर से हर्रैया से समाजवादी पार्टी का प्रतिनिधित्व किया और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी, बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अनिल सिंह को 5,145 मतों के अंतर से हराया।

2012 में तीसरी बार वह हर्रैया से लगातार तीन बार निर्वाचित हुए, उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी की उम्मीदवार ममता पांडे को 20,286 मतों के अंतर से हराया। वह अखिलेश यादव कैबिनेट में पशुपालन और पंचायती राज के कैबिनेट मंत्री भी हैं। उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा (2017) में वह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अजय कुमार सिंह से 30,106 वोटों के अंतर से हार गए। लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच राजकिशोर लगातार दावा कर रहे थे कि वे जिधर जायेंगे उधर जीत सुनिश्चित हो जायेगी। मौजूदा सांसद हरीश द्विवेदी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनका मुकाबला 5 बार विधायक और एक बार लोकसभा सदस्य रहे दिग्गज नेता रामप्रसाद चौधरी से हैं। यदि हरीश द्विवेदी चुनाव नही जीते तो इसका असर सिर्फ उनकी राजनीति पर ही नही बल्कि राजकिशोर सिंह के राजनीतिक करियर पर भी पड़ेगा।




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