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संसद में गूंजा रायबरेली एमसीएफ के निजीकरण का मुद्दा

Posted on: Wed, 03, Jul 2019 7:46 AM (IST)
संसद में गूंजा रायबरेली एमसीएफ के निजीकरण का मुद्दा

रायबरेली ब्यूरोः (आकाश अग्निहोत्री) आज संसद में रायबरेली की सांसद सोनिया ने रायबरेली की एमसीएफ की निजीकरण का मुद्दा उठाया, और सरकार की नीतियों को जनविरोधी करार दिया। यूपीए अध्यक्ष व रायबरेली सांसद सोनिया गांधी ने मंगलवार को सरकार पर रेलवे की बहुमूल्य संपत्तियों को निजी क्षेत्र के चंद हाथों को कौड़ियों के दाम पर बेचने का आरोप लगाया और इस बात पर अफसोस जताया कि सरकार ने निगमीकरण के प्रयोग के लिए रायबरेली के माडर्न कोच कारखाने जैसी एक बेहद कामायाब परियोजना को चुना है। उन्होंने निगमीकरण को निजीकरण की शुरुआत करार दिया।

सोनिया गांधी ने लोकसभा में शून्यकाल में इस विषय को उठाया और कहा कि सरकार एक योजना के तहत उनके संसदीय क्षेत्र रायबरेली के मॉडर्न कोच कारखाने समेत रेलवे की कुछ उत्पादन इकाइयों का निगमीकरण करने जा रही है जो इन इकाइयों के निजीकरण की शुरूआत है। यूपीए अध्यक्ष ने कहा, ‘असली चिंता तो इस बात की है सरकार ने इस प्रयोग के लिए रायबरेली के मॉडर्न कोच कारखाने को चुना है जो कई कामयाब परियोजनाओं में से एक है। जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व में तत्कालीन यूपीए सरकार ने देश के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यानी मेक इन इंडिया के लिए शुरू किया था।

सोनिया गांधी ने कहा कि इस कारखाने में आज बुनियादी क्षमता से ज्यादा उत्पादन होता है। यह भारतीय रेलवे का सबसे आधुनिक कारखाना है। सबसे अच्छी इकाइयों में से एक है। सबसे बेहतर और सस्ते कोच बनाने के लिए मशहूर है। गांधी ने कहा कि दुख की बात है कि इस कारखाने में काम करने वाले 2000 से अधिक मजदूरों और कर्मचारियों और उनके परिवारों का भविष्य संकट में है। उन्होंने कहा कि किसी के लिए भी समझना मुश्किल है कि क्यों यह सरकार ऐसी औद्योगिक इकाई का निगमीकरण करना चाहती है। गांधी ने कहा कि इस सरकार ने संसद में अलग से रेल बजट पेश करने की परंपरा क्यों बंद कर दी? पता नहीं।

उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार ने इस फैसले को गहरा राज बनाकर रखा। कारखानों की मजदूर यूनियनों और श्रमिकों को विश्वास में नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसयू) का बुनियादी उद्देश्य लोक कल्याण है, निजी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना नहीं। उन्होंने कहा कि एचएएल, बीएस एनएल और एमटीएनएल के साथ क्या हो रहा है, किसी से छिपा नहीं है। सरकार से मेरा अनुरोध है कि रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्टरी और सार्वजनिक क्षेत्र की सभी संपत्तियों की पूरी रक्षा करे और इन्हें चलाने वाले मजदूरों और कर्मचारियों तथा उनके परिवारों के प्रति आदर और सम्मान का भाव रखे।




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