जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे बच्चे, कभी भी गिर सकती है बिल्डिंग
भरुच, गुजरात (बीके पाण्डेय)। अंकलेश्वर तहसील के नांगल गाँव मे जर्जर स्कूल की जगह नया स्कूल बनाने का प्रस्ताव उच्च स्तर पर बनाया गया था। वर्तमान में स्कूली छात्र ग्राम पंचायत के सामुदायिक भवन में पढ़ने को मजबूर हैं। अंकलेश्वर तालुका के नांगल गांव में एक सदी पुराना प्राथमिक विद्यालय जर्जर हो गया है और स्कूल के छात्रों को ग्राम पंचायत के सामुदायिक हॉल में पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
भरूच जिले में कई सरकारी प्राथमिक विद्यालय भवन जर्जर हैं। अंकलेश्वर तहसील के नांगल गाँव में प्राथमिक विद्यालय की स्थापना 21मई 1906 को हुई थी। विद्यालय अब काफी जर्जर हो चुका है। जिसके बाद विद्यालय के प्रधान शिक्षक द्वारा जिला परियोजना समन्वयक को लिखित अभ्यावेदन दिया गया है। जिसके अनुसार विद्यालय में कुल 95 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। विद्यालय जर्जर होने के कारण सरकारी आदेश के अनुसार कक्षा-1 से 3 एवं कक्षा-8 के बच्चे ई-गवर्नर कंप्यूटर कक्ष में, कक्षा 6 एवं 7 के बच्चे सामुदायिक भवन में पढ़ाई करते हैं। जबकि गांव में अन्य जगहों पर कक्षा 4 व 5 के बच्चे सोसायटी के हॉल में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
वर्तमान में विद्यालय में संस्था के अंतर्गत 4 शिक्षक एवं एक शिक्षक द्वारा कुल 95 बच्चों को शिक्षा प्रदान की जा रही है।
विद्यालय के दो कमरों की लकड़ियां टूट गयी हैं तथा अन्य कमरों की लकड़ियां हटा दी गयी हैं। ऐसे में जब खंभे 80 फीसदी जर्जर हो चुके हैं और सपोर्ट की लकड़ी सड़ चुकी है तो मांग की गई है कि जल्द से जल्द इस जर्जर स्कूल के कमरे को तोड़ने के साथ ही नए स्कूल का निर्माण कराया जाए। यहां का स्कूल वर्षों पुराना है, स्कूल के दो कमरों के सामने के हिस्से की लकड़ी दो साल से टूटी हुई है। स्कूल के अन्य कमरों की लकड़ियां उखड़ गई हैं।
सहायक लकड़ियां गिर चुकी हैं। इस कमरे की छत कभी भी गिर सकती है। अन्य दो कमरों के पिलर 80 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हैं। अगर इस मानसून से पहले इस कमरे की छत और लकड़ियां नहीं हटाई गईं तो बारिश के वजन से छत गिर सकती है। स्कूल सार्वजनिक स्थान पर स्थित है। स्कूल में चहारदीवारी नहीं है। मनुष्य की गति निरंतर होती रहती है। कभी भी कोई पाइप गिर जाए, कोई चूहा, कोई जानवर आ जाए, कोई नई चीज टूट जाए, जैसी बातें आम हो गई हैं। स्कूल का टॉयलेट ब्लॉक अच्छी स्थिति में नहीं है। यह एक गंभीर स्थिति है जहां किसी को कभी भी नुकसान हो सकता है। दो साल से लगातार इसकी सूचना विभाग को दी जा रही है। स्कूल कि ओर से माँग की गई है कि विद्यालय के कमरे को हटवाकर नया कमरा बनाने की त्वरित कार्रवाई करें ताकि किसी को कोई नुकसान न हो।