छात्र छात्राओं पर चटकीं लाठियां, छावनी बना बीएचयू
वाराणसीः छेड़खानी के विरोध में सड़क पर उतरीं छात्र छात्राओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां बरसायीं। लाठीचार्ज के बाद बीएचूय कैंपस जंग का मैदान बन गया। दो दिनों से चल रहे तीव्र विरोध प्रदर्शन को काबू में करने के लिए परिसर में घुसी फोर्स को हॉस्टल के छात्रों का कड़ा विरोध झेलना पड़ा। परिसर की सड़कों पर गुरिल्ला युद्ध की स्थिति बनी रही। बताया जा रहा है कि छात्रों ने पुलिस पर पथराव भी किया। लगातार चल रहे युद्ध की स्थिति के बीच पेट्रोल बम के धमाके की भी खबर आ रही है। पेट्रोल बम का धमाका इतना तेज था कि दो ढाई किलोमीटर का इलाका थर्रा उठा। उधर भड़की हिंसा के चलते एक दारोगा व सिपाही समेत दर्जनों छात्र छात्रायें घायल है। इस घटना में घायल एक शख्स की हालत बेहद गंभीर है.
गौरतलब है कि इससे पहले छात्राओं ने बीएचयू के इंट्री गेट सिंह द्वार को 18 घंटे तक जाम कर रखा था। प्रधानमंत्री के बनारस दौरे से ठीक पहले शुरू हुए इस प्रदर्शन में प्रधानमंत्री को रास्ता बदलना पड़ गया था। शुक्रवार से लगातार धरनारत छात्राओं को पुलिस ने खदेड़कर बीएचयू परिसर के भीतर कर दिया। इसके बाद भी सिंहद्वार आधीरात के बाद कई बार छात्रों द्वारा घेरा गया। सिंहद्वार के बाहर और भीतर लगातार चल रहे युद्ध जैसी हालात में पुलिस चाहकर भी कार्रवाई कर नहीं पा रही थी। इस बीच अधिकारी के ऊपर भी पथराव किया गया। देर रात तक तनाव की स्थिति बनी रही. कुछ छात्राएं धरना के साथ ही दोपहर में भूख हड़ताल पर बैठ गई थीं।
उनकी मांग थी कि कुलपति मौके पर आकर उनकी बात व समस्याएं सुनें जबकि प्रशासन का तर्क था कि कुलपति धरनास्थल पर नहीं जाएंगे। दोनों पक्षों की जिद के कारण बीएचयू का माहौल गरम बना रहा। गुरुवार की शाम एक छात्रा दृश्यकला संकाय से हास्टल की ओर जा रही थी. इस दौरान भारत कला भवन के पास कुछ शोहदों ने उससे छेड़खानी की और कपड़े उतारने की कोशिश की। इस घटना से सहमी छात्रा ने बचाने की गुहार लगाई। छात्रा के मुताबिक चंद कदम की दूरी पर बैठे सुरक्षाकर्मियों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। छात्रा ने जब इस बात की शिकायत की तो यह कहकर टाल दिया गया कि इतनी शाम को तुम्हें बचकर चलना चाहिए। इस घटना की जानकारी मिलते ही छात्राओं में उबाल आ गया।