और तेरी मिट्टी में कितनी बग़ावत है ’रानी’
वेस्ट बंगालः (सिलीगुड़ी से पवन शुक्ल एवं दार्जिलिंग से संगीता गुरूंग) पहाड़ों की रानी दार्जिलिंग में मौसम का मिजाज बदलने पर एक शेर याद आ गया। कुछ तो तेरे मौसम के मिजाज रास आए हैं बहुत..! और तेरी मिट्टी में मौसम की बग़ावत भी है रानी..!! अपनी प्राकृतिक छटा के लिए दुनिया में मशहूर विश्व हेरिटेज में शामिल (पहाडों की रानी दार्जिलिंग) की अपनी अलग पहचान है। पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य, मौसम के मिजाज और चाय बगानों की छटा अपनी ओर खींचती है, और अगर वर्फ की चादर बिछ जाय तो मजा ही कुछ और है। कई वर्षों बाद मौसम से बगावत कर दार्जिलिंग ने जहां वर्फ की चादर ओढ़कर पर्यटकों को अपनी ओर खींच रही है। उधर पड़ोसी राष्ट्र भूटान में भी जमकर वर्फवारी हो रही है। वहीं ठंड और ठिठुरन से आसपास के मैदानी क्षेत्रों में ठंड बढ़ गई है। सोमवार से ही दार्जिलिंग के उपरी क्षेत्र संदफू और सीमाना में वर्फवारी करीब 3 फीट हुई है और सैकड़ों पर्यटकों को फंस जाने की सूचना है। जिसके कारण दार्जिलिंग में तापमान 3.2 डिग्री व सिलीगुड़ी में 13 डिग्री के आसपास रहा।
हलांकि बुधवार को धूप खिलने के बाद जहां ठंड में कमी आई है वही मौसम का आंनद लेने वाले पर्यटकों ने राहत की सांस ली है। उधर सिक्किम के 9000.फिट उपरी क्षेत्रों में जमकर वर्फवारी हो रही है। भारत-चीन के सीमा क्षेत्र छांगू, सेरेथांग, बाबा हरभजन मंदिर व नाथुला व उत्तरी सिक्किम के लहचेन व लाहयुंग मोटी वर्फ की चादर से ढक गया। उधर पड़ोसी मित्र राष्ट्र भूटान में भी करीब एक दशक बाद जमकर वर्फवारी हो रही है।