साध्वी कोयल गिरि पंचतत्व में विलीन
तिलहर, शाहजहांपुर (उदयवीर सिंह) प्रशासनिक अधिकारियों एवं राजनीतिक लोगों द्वारा काफी मनाने के बाद साध्वी कोयल गिरी की शव यात्रा निकली। इस दौरान परिजनों की पुलिस प्रशासन से तीखी नोकझोंक हुई। हाईवे पर तीन बार शव रखकर कर लेखपाल के निलंबन की मांग उठी, आश्वासन और एफ आई आर दर्ज होने के बाद ही साध्वी के परिजनों ने मुखाग्नि दी।
सनद रहे की बीते 23 नवंबर की रात आग में झुलसी साध्वी कोयल गिरी को बरेली के ईशान हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। परन्तु इलाज के दौरान बाहरवें दिन उनका स्वर्गवास हो गया। मंगलवार देर रात लगभग 11ः30 बजे शव उनके गृह नगर के मोहल्ला बहादुरगंज स्थित आवास पर लाया गया जिसके बाद परिजनों का बिलाप शुरू हो गया। वहीं दूसरी तरफ शव आने की सूचना मिलते ही प्रशासन भी चौकन्ना हो गया और देखते ही देखते विवादित भूमि के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। साध्वी के अंतिम दर्शन के लिए पूर्व सांसद मिथलेश कुमार, सपा जिला अध्यक्ष तनवीर खान, मीरानपुर कटरा पूर्व विधायक राजेश वर्मा, रणंजय सिंह यादव, उपेंद्र पाल, जितेंद्र सिंह यादव, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष इमरान खान सहित तमाम राजनीतिक लोग भी पहुंचे।
परंतु बुधवार दोपहर को पुलिस, प्रशासन के उस समय हाथ पांव फूल गए जब परिजनों ने अग्नि कांड के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी और विवादित भूमि की तत्काल पैमाइश कराने तक उनका अंतिम संस्कार करने से स्पष्ट इंकार कर दिया। घटना की संवेदनशीलता को भांपते हुए उप जिलाधिकारी मोइनुल इस्लाम पुलिस क्षेत्राधिकारी मंगल सिंह रावत साध्वी के परिजनों से बात करने के लिए उनके घर पहुंचे। अधिकारियों द्वारा काफी समझाने बुझाने के बाद परिजनों द्वारा विवादित जमीन को आरोपियों को बेचने वाले अशोक गुप्ता और उस समय के लेखपाल अनूप शर्मा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्यवाही की शर्त रखी जिसको अधिकारियों ने तत्काल मंजूर कर लिया।
अधिकारियों के आश्वासन और अपने लोगों के समझाने बुझाने के बाद शव यात्रा शुरू की गई लेकिन स्थिति विवादित जमीन के निकट पहुंच कर बिगड़ती दिखी जब भाई नरेश वर्मा ने अपनी मांग रखते हुए कहा कि वह अपनी बहन का शव 1 मिनट ही सही लेकिन इस जमीन पर रखना चाहते हैं जिस पर प्रशासनिक अधिकारी तैयार नहीं हुए। नरेश वर्मा ने कहा कि हमें इस जमीन से अपनी बहन का शव यात्रा निकालने दी जाए परंतु उपस्थित अधिकारी इस पर भी सहमत नहीं हुए। कहा कि शव यात्रा आम रास्ते से निकालिए जो विवादित है वहां इस समय शव यात्रा निकालना सही नहीं है।
शुभचिंतकों द्वारा समझाने बुझाने पर साध्वी के परिजनों ने शव यात्रा शुरू की। फिर माहौल बदला और परिजनों ने शव को नेशनल हाईवे पर रख कर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन लोगों की मांग थी कि लेखपाल अनुज शर्मा का तत्काल निलंबन कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। इस पर परिजनों ने डीएम से बात कराने की भी मांग एसडीएम के समक्ष रखी। उप जिलाधिकारी ने इस पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिलाधिकारी अभी मीटिंग में है और जल्द ही आपकी उनसे बात भी कराई जाएगी। यहां से शव यात्रा चलने के बाद शमशान घाट के आगे फिर दो बार नेशनल हाईवे पर परिजनों द्वारा रोकी गई और शव हाईवे पर रख दिया गया।
यहां पर की मां रामलली की तहरीर के आधार पर पंकज गुप्ता, सुशील गुप्ता, अनिल गुप्ता, अनुराग गुप्ता, पूर्व लेखपाल अनूप शर्मा, अशोक गुप्ता, अनुसुइया गुप्ता, अजय गुप्ता, अमित गुप्ता सहित दो मृतक रामनिवास गुप्ता एवं भगवान दास गुप्ता के विरुद्ध जालसाजी एवं धोखाधड़ी का मुकदमा दायर करने की मांग रखी गई और प्रशासन को चेताते हुये कहा कि जब तक मुकदमा दर्ज नहीं हो जाता हम लोग यहीं बैठे रहेंगे। कोतवाली पुलिस द्वारा आनन-फानन में सभी नामजद 11 लोगों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया और मुकदमे की कॉपी लेकर हेड मुहर्रिर राम अवतार घटनास्थल पर पहुंचे। तब कहीं जाकर परिजन उनके अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में कोयल गिरी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।