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Uttaranchal

लीसा तस्करी बनी चुनौती

Posted on: Fri, 01, Apr 2016 8:56 PM (IST)
लीसा तस्करी बनी चुनौती

हल्द्वानी: (विक्रम सिंह ब्यूरो) लीसा तस्करी पुलिस के लिये बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। लीसा तस्करी का पैसा सफेद करने के लिये वन तस्कर लक्ष्मण लमगडि़या राजनितिक दल में शामिल है। इस गोरख धंधे से होने वाली इनकम घरेलू उद्योगों में लगाया जाता है। नैनीताल के मनोरा गांव से लीसा तस्कर सक्रिय है। कुछ मामलों में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तारिया भी हुयी। वही कई आरोपी कोर्ट से बच कर आम जीवन जी रहे है।

मनोरा गांव से अक्टूबर 2015 को 180 टीन लीसा ट्रक से तस्करी कर शाहजहाजपूर ले जाया जा रहा था। मुठभेड़ के बाद छः तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। वन अभियोग में मामला पंजीकृत किया गया। सभी क्रिमिनल जमानत में बहार है। रामनगर में 300 टीन लीसा लोहाघाट से मुरादाबाद से तष्करी किया गया है। एक वन अधिकारी द्वारा निरीक्षण कर लीसा जब्त किया गया। मामले ने तूल तो नही पकड़ा लेकिन वन निदेषक ने नौ निरिक्षकों को बर्खास्त किया है। सूत्रों के अनुसार लीसा 80/- रू टीन बेचा जाता है। 120000 रूप्ये का लीसा मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया। लक्ष्मण लमगडि़या का साथी किरन डालाकोटी का डालाकोटी टरपनपाइन है जहा लीसे से काठ पर लगाये जाने वाला सामान तैयार होता है। वन निदेषक पराग मधुकर धकाते से सम्पर्क करने पर पता चलता है वन तष्कर वनों में लगे कैमरो से बचकर चीड़ के पैड़ों से लीसा निकालते है और दूसरी तरफ तष्कर फैक्टरी से लीसा चुराते है संज्ञान में अनेक मामले लम्बित है। करीब 33 से 38 वन तष्कारों को गिरफ्तार किया जा चुका है। बर्खास्त किये गये निरिक्षकों के बाबत उन्होने बताया यह उनके कार्य के प्रति लापरवाही मिली है।




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