एक हफ्ते से तड़प रहा मोर, सूचना पर भी नींद में है जिम्मेदार
आगरा: (पिंकी राठौर प्रांशी) हमारे देश हर एक नागरिक कहता है कि सारे जहाँ अच्छा हिंदुस्तान हमारा। लेकिन कदम कदम पर संवेदनहीनता के उदाहरण सोचने का विवश कर देते हैं और यह संवेदनहीनता जब राष्ट्रीय पक्षी मोर को लेकर हो तो आप क्या कहेंगे। वैसे तो हमें वन्य जन्तुओं के प्रति लगाव और दया का भाव रखने को प्रेरित किया गया है किन्तु बेजुबानों को तड़पता देख जब जिम्मेदारों की नींद न टूटे तो कैसे होगा सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा। ताजा मामला आगरा के थाना शमसाबाद के गढी धर्मपाल का है।
यहां करीब आठ दिन पहले दो राष्ट्रीय पच्छी मोर विधुत करंट से घायल हो गये थे। जिंहे ग्रामीणों ने किसी तरह बचा लिया। साथ ही सूचना 100 नम्बर व वन विभाग को लगातार दे रहे है। आठ दिन मे इलाके की पुलिस व वन विभाग ने मौके पर जाना भी उचित नही समझा। उचित देखरेख और इलाज के अभाव में यदि मोर की मौत हो जायेगी तो इसकी जिम्मेदारी इलाके की पुलिस व वन विभाग पर होगी।