राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को मिली जमीन की होगी जांच
अमेठी: यूपी सरकार ने माना है कि अमेठी में राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को सम्राट बाइसिकिल्स की 65.57 एकड़ जमीन मिलने में गड़बड़ी हुई है। यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (यूपीएसआईडीसी) ने अब इस मामले की हाई लेवल इन्क्वॉइरी कराने का फैसला किया है। वहीं, कांग्रेस नेता गांधी परिवार द्वारा संचालित राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए जमीन लेने का यह कहकर बचाव कर रहे हैं कि ट्रस्ट को मिली जमीन किसानों की नहीं है।
सम्राट बाइसिकिल्स की जमीन राजीव गांधी ट्रस्ट को एक नीलामी में दी गई। लेकिन इसकी इजाजत यूपीएसआईडीसी से नहीं ली गई। कॉरपोरेशन का कहना है कि लीज पर दी गई जमीन बगैर उसकी इजाजत के कैसे नीलाम की जा सकती है। यह जमीन कॉरपोरेशन को वापस की जानी चाहिए क्योंकि इसे इंडस्ट्रियल यूनिट्स लगाने के लिए दी गई थी।
उद्योग विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी महेश गुप्ता से बताया कि राजीव गांधी ट्रस्ट की जमीन का मामला उनकी जानकारी में है। इसमें गड़बड़ी भी सामने आई है। इस मामले में यूपीएसआईडीसी के नाम जमीन कराने के लिए एसडीएम गौरीगंज के यहां कानूनी प्रक्रिया भी चल रही है। इस पर जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने अमेठी में गांधी परिवार पर जमीन हथियाने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि लगभग 30 साल पहले सम्राट बाइसिकिल्स की फैक्ट्री के लिए ली गई 65.57 एकड़ जमीन सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राजीव गांधी ट्रस्ट के नाम कर दी गई है। यह जमीन इंडस्ट्रियल एरिया कौहार में यूपीएसआईडीसी ने सम्राट बाइसिकिल्स को 90 साल की लीज पर दी थी। कंपनी ने पहले जमीन को अवैध तरीके से अपने नाम दर्ज कराया। फिर फरवरी 2015 में इस जमीन को नेहरू गांधी परिवार की ओर से संचालित राजीव गांधी ट्रस्ट के नाम कर दिया।
स्मृति ईरानी को इस मामले की जानकारी देने वाले एडवोकेट उमाशंकर पांडेय का कहना है कि गांधी परिवार ने सम्राट बाइसिकिल्स को फैक्ट्री लगाने के लिए मुंबई से बुलाया था। लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए यूपीएसआईडीसी ने ये जमीन सम्राट बाइसिकिल्स को लीज पर दी थी। साथ ही फैक्ट्री लगाने के नाम पर कंपनी को 55 करोड़ की सब्सिडी भी मिली थी।