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14 मई 2024
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Uttar pradesh

बारह विभागों के सहयोग से संचारी रोगों पर होगा नियंत्रण

Posted on: Sat, 01, Apr 2023 10:21 PM (IST)
बारह विभागों के सहयोग से संचारी रोगों पर होगा नियंत्रण

गोरखपुर, 01 अप्रैल। इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, टीबी, कोविड, स्क्रबटाइफस, इंफ्लुएंजा और लेप्टोस्पाईरोसिस जैसे संचारी रोगों और जलजनित बीमारियों से बचाव के लिए जिले में बारह विभाग सम्मिलित प्रयास करेंगे। इसी उद्देश्य से सभी ब्लॉक क्षेत्रों और शहरी क्षेत्र से संचारी रोग नियंत्रण अभियान का शनिवार को शुभारम्भ किया गया।

जिले के कैम्पियरगंज ब्लॉक के शिवपुर करमहवां स्थित कम्पोजिट विद्यालय पर पहुंचीं जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने स्कूली बच्चों की रैली और जनजागरूकता से जुड़ी एलईडी वैन को हरी झंडी दिखा कर अभियान का शुभारम्भ किया। वहां संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ साथ स्कूल चलो अभियान का भी उद्घाटन किया गया। जिला पंचायत अध्यक्ष ने सभी विभागों से अपील की कि संचारी रोगों के दृष्टीकोण से उच्च जोखिम वाले गांव में सामूहिक तौर पर अभियान चलाया जाए।

सरकार द्वारा उपलब्ध स्वास्थ्य और स्वच्छता से जुड़ी सुविधाओं को जन जन तक पहुंचाया जाए। इससे पहले स्कूली बच्चों, शिक्षकों और स्वास्थ्यकर्मियों ने संचारी रोग नियंत्रण अभियान और स्कूल चलो अभियान के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के वर्चुअल सम्बोधन को भी सुना। शुभारम्भ कार्यक्रम के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष ने शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के जनजागरूकता स्टॉल का निरीक्षण भी किया। उनके हाथों से लेप्रोसी मरीजों को सेल्फ केयर किट, टीबी मरीजों को दवा और फाइलेरिया के मरीजों को रुग्णता प्रबन्धन एवं दिव्यांगता निवारण (एमएमडीपी) किट भी दिलवाया गया।

नोडल विभाग के मुखिया और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि एक माह के अभियान में स्वास्थ्य विभाग के स्तर से जनजागरूता, रोगियों के उपचार की व्यवस्था, संचारी रोगों व दिमागी बुखार के रोगियों की निगरानी, अधिक मच्छर घनत्व वाले इलाकों में अन्तर्विभागीय सहयोग से मच्छर नियंत्रण गतिविधियों का आयोजन, लक्षणयुक्त मरीजों के जांच, रोगियों के परिवहन, अन्य विभागों के सहयोग से वाहक नियंत्रण गतिविधियां और नोडल विभाग की सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि शासनादेश के अनुसार ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभाग द्वारा नालियों की साफ सफाई, जलजमाव का निस्तारण, जनसहयोग से झाड़ियों की कटाई, उथले हैण्डपम्प का चिन्हीकरण, हैण्डपम्प व प्लेटफार्म की मरम्मत, फागिंग व छिड़काव, तालाबों को अपशिष्ट व प्रदूषण से मुक्त कराना, दिमागी बुखार के सम्बन्ध में प्रचार प्रसार, मौसमी रोगों खासतौर से हीट वेब के सम्बन्ध में जागरूकता, कोविड के लक्षण युक्त व्यक्तियों को दवा उपलब्ध कराना, पिछले वर्ष के आंकड़ों के आधार पर मच्छरों की दृष्टि से उच्च घनत्व वाले इलाकों में मच्छर नियंत्रण गतिविधियां आयोजित होंगी।

नगर विकास विभाग द्वारा इन्हीं गतिविधियों के अलावा खुली नालियों को ढंकने की व्यवस्था और मच्छरजनित बीमारियों के लिए स्थितियां पैदा करने वाले लोगों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी करनी है। डॉ दूबे ने बताया कि शिक्षा विभाग को शासन स्तर से स्कूल में बच्चों को दिमागी बुखार एवं वेक्टर जनित रोगों, जलजनित रोगों तथा गर्मी व लू से सम्बन्धित बीमारियों के बारे में जागरूकता अभियान चलाना है। स्कूलों में निबंध व वाद विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन कराना है। साथ ही क्लोरिनेशन, डेमो, पेयजल को उबालने, हैंडवॉशिंग और शौचालय के प्रयोग के बारे में बच्चों और अभिभावकों को भी जागरूक करना है। आईसीडीएस विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों की पहचान कर उपचार हेतु संदर्भन करना है और साथ ही लोगों के बीच जनजागरूकता फैलानी है।

सीएमओ ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा आवासीय क्षेत्रों के आसपास चूहा और छछूंदर को नियंत्रित करने के उपाय करने है । पशुपालन विभाग जानवरों के पालन स्थल को स्वच्छ करने और आबादी वाले स्थानों से सुकरबाड़ों को दूर करने के लिए लोगों को जागरूक करेगा। स्वच्छ भारत मिशन के तहत उच्च रोग भार वाले गांवों को खुले में शौच से मुक्त कराया जाएगा। सूचना विभाग, संस्कृति विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा अपने अपने स्तर से जागरूकता कार्यक्रम होंगे। दिमागी बुखार से दिव्यांग मरीजों की मदद की जिम्मेदारी दिव्यांग कल्याण विभाग को दी गयी है। इस अभियान में स्वयंसेवी संस्था डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पाथ और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) स्थानीय स्तर पर सहयोग प्रदान कर रहे हैं।

इस मौके पर बेसिक शिक्षा अधिकारी आरके सिंह, एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव, जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह, सीएचसी के अधीक्षक डॉ भगवान प्रसाद, सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश चौबे और वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल कंसल्टेंट डॉ सिद्धेश्वरी सिंह ने भी अभियान के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक किया। कार्यक्रम में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि डॉ मुनेन्द्र, यूनिसेफ संस्था के डीएमसी डॉ हसन फहीम, पाथ संस्था के प्रतिनिधि अभिनय कुशवाहा और स्वास्थ्य विभाग से नवीन गुप्ता ने भी प्रतिभाग किया।

समुदाय के लिए सात संदेश

बच्चे को नौ से बारह माह के बीच मस्तिष्क ज्वर का पहला टीका और 16 से 24 माह के बीच दूसरा टीका अवश्य लगवाएं। घरों के आसपास साफ सफाई रखें। मच्छर से बचने के लिए पूरी बांह वाली कमीज और पैंट पहने। स्वच्छ पानी ही पिएं। आसपास जलजमाव न होने दें। कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र व अस्पताल में दिखा कर प्राप्त सलाह के अनुसार देखभाल करें। व्यक्तिगत साफ सफाई का रखें विशेष ध्यान

17 अप्रैल से घर घर दस्तक

सीएमओ ने बताया कि 17 अप्रैल से 30 अप्रैल तक दस्तक पखवाड़े का आयोजन होगा जिसमें आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आपसी समन्वय से कार्य करेंगी। आशा और आंगनबाड़ी की टीम घर घर जाकर बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), टीबी संभावित मरीजों, कुपोषित बच्चों और मच्छरों के अधिक घनत्व वाले घरों को सूचीबद्ध करेंगी। सूची के आधार पर ही मरीजों की जांच कर उपचार होगा और मच्छरों के नियंत्रण के उपाय भी किये जाएंगे। संभावित क्षय रोगियों और 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के घरों में स्टिकर भी लगाए जाएंगे।




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