मऊ के मुसलमानों की दो टूक, बर्दाश्त नही करेंगे आतंकवाद
मऊ ब्यूरोः (सईदुज़्जफर) पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से और शोक में डूबा हुआ है। वहीं कुछ लोग धर्म के नाम पर भारतीयों को आपस में बांटने की साजिशें रच रहे हैं और सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक मैसेज पोस्ट कर रहे हैं तो मुल्क के अमन चैन के लिये ठीक नहीं।
आज मऊ के धर्म गुरुओं, व्यापारियों, सामाजिक व राजनीतिक लोगों की एक आवश्यक बैठक बुलाई गई जिसमें धर्मगुरुओं ने आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में कहा कि जहां भी आस्था और धर्म के नाम पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया जाता है, उसे देशद्रोह की कार्रवाई मानी जानी चाहिए। लोगों ने कहा कि आतंकवाद फैलाने के लिए धर्म का दुरूपयोग करने वाले आतंकवादी संगठनों से पूरी कठोरता से निबटा जाना चाहिए। उन्हें कभी बख्शा नहीं जाना चाहिए। सभी ने एक स्वर में कहा कि यह एक आपराधिक कृत्य है। जैश (जैश-ए-मोहम्मद), लश्कर (लश्कर-ए-तैयबा), अलकायदा, आईएसआईएस या कोई भी संगठन आतंकवादी हरकतों करने के लिए धर्म का उपयोग करता है तो उस पर बहुत कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।
सर्वसम्मति से यह पारित हुआ कि आगामी 22 फरवरी दिन शुक्रवार को मऊ नागरिक मंच के बैनर तले दोपहर 2 बजे से एक शोकसभा का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी धर्मों के धर्मगुरुओं के साथ साथ राजनीतिक दलों को भी आमंत्रित किया जाएगा। इस मीटिंग की अध्यक्षता मौलाना आज़म व संचालन मौलाना इफ्तिखार अहमद ने किया। जबकि मऊ नागरिक मंच के संयोजक मुफ्ती अनवर अली ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर विशेष रूप से मौलाना खुर्शीद मिफ्ताही, मौलाना मज़हर सलाफी, मौलाना सुफियान, मौलाना सरफराज़ फैज़ी,पूर्व सांसद सालिम अंसारी, ओवैस तरफदार, ओज़ैर अहमद गृहस्थ, पालिकाध्यक्ष तय्यब पालकी, पूर्व पालिकाध्यक्ष अरशद जमाल, हाजी महफूज़ जनता, मौलाना मसीहुर्रहमान कासमी आदि उपस्थित रहे।