मल्लिका ने बंचाई तीन की जान
सिलीगुड़ी, कोलकाताः (पवन शुक्ल) मुक्कदर का सिकंदर फिल्म का ये गीत “जिंदगी तो बेवफा है, एक दिन ठुकरायेगी, मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जाएगी“ मल्लिका को साथ तो ले गई पर जाते जाते तीन लोगों की जान बचाकर उनकी जिंदगी में बस गई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिलीगुड़ी निवासी मानिक मजूमदार की 15 वर्षीय मल्लिका मजूमदार की तबीयत खराब होने के कारण गंभीर अवस्था में उसे कोलकाता स्थित एसएसकेएम मे भर्ती कराया गया। वहां मल्लिका की हालत काफी नाजुक हो गई और उसका ब्रेन डेड हो गया। डाक्टर मल्लिका को नही बचा सके और उसकी मौत हो गई। अस्पताल के डाक्टरों ने मल्लिका के पिता अंगदान से करने की गुजारिश की और वे तैयार हो गए। डाक्टरों की टीम शुक्रवार की रात को अंग प्रत्यारोपण की तैयारी मे जुट गए।
इस दौरान चेन्नई से एक 45 वर्षीय रमाकांत को कोलकाता स्थिति बाईपास एक निजी नर्सिंग होम लाया गया। सुबह 4 बजे एसएसकेएम अस्पताल से बाईपास स्थिति नर्सिंग होम के लिए ग्रीन कोरिडोर बनाया गया और 13 मिनट में मृतका के लीबर का सफल प्रत्यारोपण कर उसे जीवन दान दिया गया। वहीं दूसरी ओर उत्तर 24 परगना जिले की खड़दह निवासी मौमिता चक्रवर्ती व सोदपुर के रहने वाले संजीव दास के शरीर में एक-एक किडनी को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण कर मल्लिका की मौत तीन जिंदगियों में बसकर अपनी मौत को एक नया आयाम दे गई।