रैबीज की दवा बेंचते पकडा़ गया दलाल
कानपुर: लालच ऐसी बला है कि सरकारी अस्पताल के कर्मचारियों का रिटायर होने के बाद पीछा नही छोड़ती। चंन्द रुपये की लालच के चलते दलालों को सहारा ले रहे है। खुलासा उस समय हुआ जब कार्यवाहक निदेशक डाक्टरों के साथ दलालों की धरपकड़ के लिए अस्पताल में एक विशेष अभियान चल रहे थे। वहीं ओपीडी में बैठकर एक दलाल बाहर से खरीदी गयी रेबिज की दवा अस्पताल में बेच रहा था। डाक्टरों की टीम ने उसे पकड़ लिया। जांच टीम ने दलाल को पुलिस के सुपुर्द कर उसके खिलाफ थाने में तहरीर दे दिया है।
डायरेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि उनको सूचना मिली थी कि कुछ अस्पताल के ही रिटायर्ड कर्मचारी दंबगीय के चलते सरकारी सर्वेट क्वाटर में कब्जा किये है। आरोप है कि वे चंद रुपये की खातिर दलालों को ओपीडी व वार्ड में बैठा रखे है। यह दलाल बाहर से दवा खरीद कर लाने के बाद मरीजों को उचित दाम पर बेचने का काम करते है।
शिकायत आने पर मंगलवार को डाक्टरों की टीम गठित कर निदेशक ने ओपीडी व वार्ड का औचक निरीक्षण किया। जहां इमरजेंसी के वार्ड के ऊपर बने कुत्ते कांटने के इंजेक्शन की ओपीडी में बैठा एक दलाल मरीजों को बाहर से खरीदी गयी रेबीज पैसों से दे रहा था। अस्पताल का कर्मचारी न होने पर निदेशक ने उसे बुलाया और पूछतांछ की। दलाल ने अपने कोे अस्पताल से रिटायर्ड वार्ड ब्वाय बलवंत सिंह का ड्राइवर राजकुमार उर्फ पप्पू बताया। डाक्टर की टीम ने तलाशी ली और उसके पास से रैबिज की दवा के साथ अन्य दवाये भी मिली।
डाक्टरों द्वारा दलाली की बात सामने आ जाने पर निदेशक ने युवक को पकड़ा और पुलिस को 100 नंबर पर सूचना दी। सूचना पाकर कोतवाली में तैनात दरोगा रोहिताश सिंह आ गये। डायरेक्टर ने उस दलाल को पुलिस के सुपुर्द कर तहरीर दी। तहरीर में यह लिखा है कि मरीजों को बरगला कर बाहर से खरीदी गयी दवाओं को मनमुताबिक अस्पताल में बेचने का काम कर रहा है। जिसके चलते अस्पताल की बदनामी हो रही है। पुलिस ने तहरीर लेकर दलाल को अपने साथ ले गयी।