छुट्टा पशुओं की समस्या यथावत, गौशाला के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही सरकार
बाँसी, सिद्धार्थनगर (महेंद्र कुमार गौतम) छुट्टा मवेशी खेतों में किसानों के लिये और सड़कों पर राहगीरों के लिये सिर दर्द बन गये हैं। योगी सरकार की गौशाला योजना जिन उद्देंश्यों को लेकर लांच की गयी थी, बफसर उनके प्रति गंभीर नही हैं। यही कारण है कि करोड़ों रूपया खर्च करने के बाद भी समस्या यथावत है।
शासन प्रशासन गौशाला के नाम पर चाहे जितनी अपनी पीठ थपथपा ले लेकिन छुट्टा पशुओं का आतंक चहुओर है। किसान तो अपनी अपनी फसल बचाने के लिए रतजगा करने पर मजबूर है। तहसील का शायद ही कोई ऐसा गांव हो जहाँ छुट्टा पशु रात में खेतों में और दिन में चौराहे, मुख्य मार्गो पर हुड़दंग न मचाते हों। कई बार इनकी आपसी जंग में अक्सर बाइक सवार चोटहिल हो जाते हैं। उधर रात में किसानों की धान की फसल भी सफाया कर देते हैं। सरकार द्वारा गोशालाओं के रख रखाव के लिए भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है किन्तु गौशालाओं की हालत बदतर है और सड़क से खेतों तक लोग समस्या झेल रहे हैं।