शहीद की पत्नी ने कहा बेटा भी जायेगा देश सेवा में
कानपुर: महाराष्ट्र के पुलगाओं स्थित आयुध डिपो में लगी भीषण आग को बुझाने में जान गवाने वाले जांबाजो में कानपुर निवासी सत्यप्रकाश सिंह का नाम भी है। बेटे की मौत के खबर जैसे ही परिवार को लगी तो घर में कोहराम मच गया। गुरुवार को शहीद का पार्थिव शरीर उनके गांव में लाया गया। कंपूवासियों के आंखों से आंसू छलक आये।
महाराष्ट्र के वर्धा जिले के पुलगांव स्थित सेना के सबसे बड़े हथियार भंडार में संदिग्ध हालातों में आग लग गई। भंडार की सुरक्षा में मौजू 16 जवानों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और तीन दर्जन से भी ज्यादा गंभीर घायल हो गए। रेस्क्यू आपरेशन चलाने के बाद सेना ने कई घंटों की कड़ी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग में झुलसे जवानों को सेना ने एम्बुलेंस के जरिए आनन-फानन में नजदीकी अस्पताल ले जायेगा। वहीं 16 जवानों के शहीद होने पर सैन्य अधिकारियों के आंखो में आंसू छलक आये। अधिकारी समेत सेना के जवानों ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए पार्थिव शरीर को उनके घर भिजवाया।
इनमें एक शहीद कानपुर के चकेरी का सत्यप्रकाश था। आज दोपहर सेना के जवान उस शहीद का पार्थिव शरीर लेकर जैसे ही घर पहुंचे तो पत्नी व परिवार शव को देखकर दहाड मारकर रोने लगे। इसके बाद तो बूढ़े क्या बच्चे और क्या महिलाएं सभी उस जवान की शहादत को याद करते हुए फूट फूट कर रोने लगी। लोगों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। जहां सेना के जवान और घरवालों ने पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया। पत्नी प्रेमा का कहना था कि पति का खोने का गम है, यह घाव कभी नही भरेगा। वहीं उनकों इस बात का भी गर्व था कि उनका सुहाग मातृभूमि लिए शहीद हो गया है। नम आंखो से सेना के अधिकारियों यह कहती हुई नजर आयी वह अपने बेटे को भी देश की सेवा लिए फौजी में भेजगी और इस काम में अधिकारी उनकी मदद करेगें।