राजस्थानी भाषा पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित
पीलीबंगाः अनुपम मंथन एकेडमी पीलीबंगा में राजस्थानी भाषा पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित हुआ। एकेडमी के निदेशक इंद्रसेन सिहाग ने बताया कि मनोविज्ञान विषय के विशेषज्ञ व लेखक आर.के. वैष्णव जयपुर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। श्री वैष्णव ने प्रतियोगी परिक्षाओं के लिए तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को संबोधित किया तथा परीक्षा से संबंधित टिप्स दिए। प्रतियोगी परीक्षा के विशेषज्ञ व प्रेरक व्याख्याता उग्रसेन सिहाग ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया।
इसके अलावा राजस्थानी भाषा मान्यता समिति के जिला प्रचार मंत्री हरीश हैरी ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता न होने के कारण रीट की परीक्षा में राजस्थानी विद्यार्थी न चाहते हुए भी अंग्रेजी, संस्कृत, पंजाबी, सिंधी, गुजराती, उर्दू आदि विषयों में परीक्षा देने के लिए विवश हैं। रीट और टेट आदि परिक्षाओं में राजस्थानी को शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि ये पेट का सवाल है। राजस्थान को हिंदी भाषी क्षेत्र घोषित कर यहां के नागरिकों की भावनाओं और अधिकारों से खिलवाड़ किया जा रहा है। विश्व में 11 करोड़ लोगों की मातृभाषा राजस्थानी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव 25 अगस्त 2003 को राजस्थान विधानसभा से पारित करके दिल्ली भेजा जा चुका है परन्तु 14 साल बाद भी राजस्थानी वनवास भोग रही है।
हैरी ने कहा कि पदम् श्री सीताराम लालस कृत 11 खण्डों में प्रकाशित राजस्थानी भाषा का शब्दकोश विश्व का सबसे बड़ा शब्दकोश है जिसमें अढ़ाई लाख से ज्यादा शब्द हैं।राजस्थानी में एक-एक शब्द के 500-500 तक पर्यायवाची शब्द मिलते हैं।नेपाल,पाकिस्तान आदि देशों में राजस्थानी को मान्यता है तथा अमेरिका में यूनिवर्सिटी में राजस्थानी पढ़ाई जाती है।इसके बावजूद राजस्थानी भाषा मान्यता से वंचित है। व्यवस्थापक राजकुमार ने सब का आभार व्यक्त किया।