घर में शादियां कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन
मेरठ: शादी वाले परिवारों को भी बैंकों ने कैश की कमी और आरबीआई का गजट न मिलने की बात कहकर लौटा दिया। मेरठ, सरधना, किठौर, मवाना, सहित दर्जनों स्थानों से आए शादी वाले परिवारों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया। डीएम को समस्या बताई। दर्जनों लोगों ने लीड बैंक मैनेजर कार्यालय पहुंचकर भी उनका घेराव किया और हंगामा काटा।
डीएम ने अपनाया सख्त रुख
मेरठ। बैंकों की खराब स्थिति देख प्रशासन को भी कानून व्यवस्था बिगड़ने की आशंका लगने लगी है। इसे लेकर डीएम बी. चंद्रकला ने जिले के सभी बैंकों के रीजनल मैनेजर की बैठक बुलाई। रीजनल मैनेजरों ने कैश की किल्लत बताई। डीएम ने शासन और आरबीआई के अधिकारियों से वार्ता की। बैंक अधिकारियों से कहा गया कि वह कैश के लिए मुख्यालय और आरबीआई पर पूरा दबाव बनाएं। उन्हें सख्त लेटर जारी करें। बैंकों की वजह से किसी कीमत पर जिले की कानून व्यवस्था खराब नहीं होने दी जाएगी।
पुराने नोटों से इलाज पर 40 फीसदी तक कमीशन
कुछ निजी अस्पतालों और क्लीनिक पर पुराने नोट कमीशन पर लिया जा रहा है। हालात यह हैं कि अगर किसी चिकित्सक की फीस 300 या 400 रुपये है तो कुछ जगहों पर 500 का नोट लिया जा रहा है। यही हाल दवाओं की खरीद को लेकर भी है। अगर आपने 800 या 850 रुपये की दवा खरीदी और एक हजार का नोट दिया तो बाकी के पैसे नहीं लौटाए जा रहे हैं। ऐसे में इलाज कराने के लिए मजबूर लोगों को 20 से 40 फीसदी तक कमीशन देना पड़ रहा है।
अधिकांश अस्पताल कर रहे आनाकानी
उधर, अधिकांश निजी अस्पताल पुराने नोट लेने में ही आनाकानी कर रहे हैं। इससे अस्पतालों में नोकझोंक की घटनायें बढ़ गई हैं। आलम यह है कि अस्पताल अब तीन ही स्थिति में इलाज कर रहे हैं। आप नए नोट दें या फिर फुटकर दें। इसके अलावा अस्पताल चेक, डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग के जरिये ही भुगतान लेना चाहते हैं। अस्पतालों के इस रुख से इमरजेंसी में फंसे मरीज और उनके तीमारदारों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।