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West bengal

अपने नाती के लिये भटक रही है बानगंलादेशी वृद्धा

Posted on: Mon, 17, Dec 2018 8:37 PM (IST)
अपने नाती के लिये भटक रही है बानगंलादेशी वृद्धा

दक्षिण दिनाजपुर, वेस्ट बंगालः (लक्ष्मी शर्मा) बांग्लादेश की एक वृद्धा अपने नाती के लिये दर दर की बालूरघाट में ठोकर खा रही है। प्रशासन के चक्कर काटकर थक चुकी वृद्धा को उम्मीद की रोशनी नजर नही आ रही है। नाती की फोटो लिये थानो और अदालतो के चक्कर काटना ही उसकी दिनचर्या बन गयी है। नाती को मानसिक विकलांग बताया जा रहा है। एक महीने से भटक रही वृद्धा की जमा पूंजी खत्म हो चुकी है। अब वह लोगों की दया का पात्र बन चुकी है। बाग्लादेशी वृद्धा राधा दास का नाती सवपन दास 25 वर्ष जो बचपन से ही मानसिक रूप से बीमार हैं और बालूरघाट् के कारागार में बंदी है। वह बांग्लादेश के सिराजगजं जीले के सालंगा थाने के हाटीकूमरूल नामक गाँव केन्द्र रहने वाले शूसिल चंदर दास का बेटा है। उसकी उम्र 25 है। वह अक्सर घर से बाहर चला जाता है लेकिन फिर खूद ही वापस लौट कर आता है। 

इस बार पिछले सितम्बर की 10 तारीख को जो गया अब तक नहीं आया। सालंगा थाने की डायरी से पता चला कि वह घूमते घूमते भारत में चला गया है। जानकारी होने के बाद उसकी नानी राधा दास सारे कागजात ले कर भारत आई और पिछले एक महीने से बालूरघाट् थाना व बालूरघाट् अदालत के चक्कर काट रही है। लेकिन नाती की कोई खबर नहीं। नानि भी अडिग है कि अपने बीमार नाती को लेकर ही जायेगी पर कब् कैसे ये पता नहीं। फिलहाल वो दूसरों की दया पर निर्भर है और नाती के लिये प्रशासन पर।   




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