युवती ने सुसाइड नोट लिखा और फांसी लगा ली
रायबरेली ब्यूरोः (आकाश अग्निहोत्री) रायबरेली में बीए की छात्रा ने घर के बाहर जामुन के पेड़ से लटककर फांसी लगा ली। मरने से पहले उसने एक सुसाइड नोट लिखा था। जिसमे उसने पुलिस की कार्यशैली पर तंज कसा है। उसने कहा है कि ‘हां, बहुत ईमानदारी से शायद अपना कर्तव्य निभाती है नसीराबाद की पुलिस। इसीलिए मेरी मौत हो रही है।
जब तक इस देश में ऐसे पुलिस वाले रहेंगे कभी किसी को न्याय नहीं मिल सकता। मामला नसीराबाद के पूरे पासिन मजरे संडहा गांव का है। यहां 21 वर्षीय छात्रा संगीता अपनी मां और बहन के साथ रहती थी। पिता सूरत में नौकरी करता है। संगीता का गांव के ही पंकज पुत्र हुबलाल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। साल भर पहले दोनों ने मंदिर में शादी भी कर ली थी, मगर उनके परिवारों के ये रिश्ता मंजूर न था। बाद में पंकज भी संगीता से कतराने लगा। नवंबर 2018 में उसने पंकज के खिलाफ शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया।
पंकज जेल गया और जमानत पर बाहर आ गया। उधर, पंकज के घरवालों ने डीह में उसका रिश्ता तय कर दिया। संगीता को जब पता चला कि बुधवार को पंकज की बरात जानी है तो उसे इस बात का गहरा आघात लगा। संगीता के घरवालों का कहना है कि पंकज पिछले तीन-चार दिनों से कुछ लड़कों को लेकर आता था और संगीता की ओर इशारा करता था। इस अपमान से वह और परेशान थी। सोमवार की रात सुसाइड नोट लिखने के बाद उसने फांसी लगाकर जान दे दी। थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार यादव का कहना है कि युवती पंकज पर शादी का दबाव बनाने थाने आयी थी।
वह चाहती थी कि पुलिस दबाव बनाकर उसकी शादी करा दे। जब पंकज राजी नहीं हुआ तो संबंधित धारा में मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भेज दिया गया था। जब संगीता ने मुकदमा दर्ज कराया था, उस वक्त थानाध्यक्ष राकेश कुमार यादव थे। सुसाइड नोट में लिखा है ”मैं संगीता पुत्री वीरेंद्र कुमार अपने आप अपनी मर्जी से मरने जा रही हूं। इसमें मेरे घरवालों का कोई दोष नहीं तो इसके लिए मेरे घरवालों पर कोई कानूनी कार्रवाई न की जाए और न ही उन्हें कोई सजा दी जाए। ख़ास बात ये है कि सुसाइड नोट में उसने अपना अंगूठा भी लगाया है जबकि संगीता पढ़ी लिखी है। जिससे पुलिस को अन्य बातों का भी अंदेशा है, फिलहाल पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जाँच मे जुट गई है।